कन्नौजः स्कूल संचालक बच्चों की जान के साथ कर रहे हैं खिलवाड़

 

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जलालाबाद /कन्नौज। शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के साथ ही स्कूली बच्चों को स्कूल लाने व घर पहुंचाने के लिए तमाम वाहन स्कूलों में अटैच कर लिए जाते हैं। स्कूलों में उन्हीं वाहनों को अटैच किया जाता है जो यातायात के लिए सभी मानक पूरा करते हैं। जनपद मे मान्यता प्राप्त प्राइमरी व मिडिल स्कूल संचालित हैं। इसके अलावा इंटर कालेजों भी है अधिकांश स्कूलों में दूरदराज से बच्चों को लाया जाता है। स्कूल प्रशासन ऐसे बच्चों को घर से लाने व छोड़ने के लिए वाहनों को अटैच कर लेते हैं। स्कूली वाहनों को मानक पूरा करना होता है। ऐसे वाहनों का पंजीकरण कामर्शियल में होना आवश्यक होता है। परमिट बना होना चाहिए। इसके अलावा वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र होना चाहिए।

ऐसे चारपहिया वाहनों को ही स्कूली वाहन के लिए पंजीकृत किया जाता है। शासन व प्रशासन के नियम कानून को ठेंगे पर रखते हुए स्कूल कालेज संचालक मनमानी पर उतारू हैं। नियम कानून को ठेंगे पर रखते हुए टेंपो मैजिक ई-रक्शा, प्राइवेट बस जीप व रिक्शे को स्कूली बच्चों को लाने व छोड़ने के लिए अटैच किया गया है। ऐसे वाहनों में निर्धारित संख्या से अधिक बच्चों को भूसे की तरह भरकर ले जाया जाता है। खास बात यह है कि उपसंभागीय विभाग के कार्यालय में महज कुछ स्कूली वाहनों का पंजीकरण कराया गया है। जबकि पूरे जनपद में सैकड़ों से भी अधिक वाहन हर दिन स्कूली बच्चों को लाने व छोड़ने में लगे हुए हैं। ऐसे वाहनों को एआरटीओ विभाग में पंजीकृत नहीं कराया गया। जिससे हर माह विभाग को स्कूल संचालक लाखों रुपये चूना लगा रहे हैं। और स्कूल आने जाने वाले बच्चों को वाहनों के पीछे लटका कर ले जाते हैं जो किसी दिन बड़े हादसे का रूप ले सकती है मिरगांवा से सौसरापुर होते हुए कटरी छेत्र में बच्चों को ले जाने वाले स्कूली वाहनों में नियमों की अनदेखी कर परिवहन निगम की धज्जियां उड़ा रहे हैं।