मथुरा: जो जगह हमारी नहीं है उस जगह की गई इबादत कबूल नहीं होती – आरएसएस की मुस्लिम विंग

 

विधान केसरी समाचार

मथुरा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुसांगिक संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के पदाधिकारियों ने मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान श्री कृष्ण जन्मस्थान के दर्शन किये और मंदिर होने के प्रमाणों का निरीक्षण किया। इन्हें ईदगाह पर प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। इन लोगों ने पत्रकारों से कहा कि जो जगह हमारी नहीं है उस जगह की गई इबादत कबूल नहीं होती।

राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार के निर्देशन पर मथुरा आये पदाधिकारी करीब एक घण्टे तक मंदिर में रहे। हर उस स्थान का निरीक्षण किया जहां से उनको मंदिर के अति प्राचीन होने के प्रमाण मिले। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय संघटन मंत्री तुषार कांत के नेतृत्व में आये इस समूह में 10 लोग थे। इस दल में शिक्षा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक मजाहिर खान, प्रांत संयोजक अरशद खान, इटावा की जिला संयोजक कोमल नेहा, सदस्य आसिफ जरारी, कुंवर आसिफ अली, रेहाना खातून, मरियम खां और निशा खां के अलावा प्रान्त संगठन मंत्री कानपुर प्रान्त आलोक चतुर्वेदी शामिल थे। इन सभी का स्वागत श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के वरिष्ठ सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी व विजय बहादुर ने पटुका पहनाकर किया। दर्शनों के दौरान मंदिर के पुजारी ने सभी को प्रसाद दिया व भगवान की प्रसादी माला पहनाई।

जो धरोहर हमारी नहीं वहां नमाज करना गलत रू मुजाहिर खान

दर्शन करने के बाद मंदिर से बाहर आये राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के शिक्षा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक मुजाहिर खान ने कहा कि यह धरोहर है, इसे तोड़कर मस्जिद बनाई है। मस्जिद में कोई आकृति नहीं होती यहां अवशेष मंदिर के हैं। मुजाहिर खान ने बताया कि जो धरोहर हमारी नहीं वहां नमाज करना भी गलत है। मुजाहिर खान ने बताया कि वह ताजमहल नहीं गए। जब तक जा कर नहीं देख लेते तब तक वहां के बारे में कुछ नहीं कहेंगे।

ईदगाह पर नहीं मिला प्रवेश

यह दल ईदगाह का निरीक्षण करने भी पहुंचा लेकिन वहां उन्हें प्रवेश नहीं मिला। ईदगाह के प्रवेश द्वार के पहले बैरियर पर ही इन्हें रोक दिया गया। इन लोगों ने अपना आधार कार्ड दिखाया और कहा कि वह मुस्लिम हैं लेकिन यह कहकर उन्हें रोक दिया गया कि बाहरी लोगों को यहां प्रवेश नहीं है।