सीतापुरः बाबा श्यामनाथ के द्वार, पुलिस की लाठी की मार
विधान केसरी समाचार
सीतापुर। वैसे तो प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में कांवरियों के लिए ऐसे आदेश जारी किए हैं, जिससे कांवरियों को कोई दिक्कत न हो। लेकिन सीतापुर शहर कोतवाली पुलिस के आगे शायद मुख्यमंत्री का आदेश कोई मायने नहीं रखता। यह हम नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियों खुद बयां कर रहा है। मुख्यमंत्री ने भले ही कांवरियों पर पुष्पवर्षा के आदेश दिए हों, लेकिन शहर कोतवाली पुलिस ने सोमवार की सुबह बेंत वर्षा कर दी।
वायरल वीडियो के मुताबिक घटना शहर कोतवाली क्षेत्र के प्रतिष्ठित मंदिर बाबा श्यामनाथ की है। सोमवार की सुबह अलग-अलग तीर्थों से जल लेकर कांवरिए भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने श्यामनाथ मंदिर पहुंचे थे। कांवरिए लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, कि इसी बीच पुलिसकर्मियों को न जाने क्या सूझा, वे बेंत बरसाने लगे। पुलिस के बल प्रयोग करते ही कई कांवरिये गिर गए। कईयों को चोटे भी आईं। पुलिस ने कांवरियों को खदेड़कर मंदिर से दूर किया। उस दौरान पुलिस कर्मियों ने यह कृत्य व्यवस्था सुधारने के नाम पर किया। अब जब पूरी घटना किसी के कैमरे में कैद हो गई और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। तब पुलिस विभाग पूरे मामले को रफा दफा करने में जुटा हुआ है।
एसपी ने दिए जांच के आदेश
श्यामनाथ में हुई घटना को लेकर सीतापुर पुलिस के अधिकृत टवीटर अकाउंट से जानकारी दी गई, कि श्यामनाथ की घटना में जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच एएसपी उत्तरी को सौंपी गई है। वहीं पुलिस का कहना है कि महिला व पुरुष के कतार के लिए लगाई गई बल्ली टूटने से वहां पर अव्यस्था हो गई। जिसको पुलिस के जवानों ने व्यवस्थित किया।
तो नहीं थी कोई व्यवस्था
कांवड़यात्रा व मंदिरों में पूजन के दौरान सुरक्षा के लिए बैठकों पर बैठकें हुई, लेकिन श्यामनाथ में हुई घटना इस बात को साफ करती है कि प्रशासन व पुलिस की सारी व्यवस्थाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहीं। धरातल पर अगर उनकी व्यवस्था होती, तब यह घटना ही न होती। हर किसी का एक ही सवाल है कि जब मुख्यमंत्री के आदेश थे, तब उसके बावजूद जिम्मेदारों ने आखिर तैयरियां क्यों नहीं की। अगर तैयरियां दुरुस्त थी, तब बेंत बरसाने की नौबत क्यों आई।
डिलीट कराए गए वीडियो
जिस दौरान पुलिस कांवरियों पर बेंत बरसा रही थी, उस दौरान सैकड़ों मोबाइल पुलिस के इस कृत्य को कैद कर रहे थे। बावजूद इसके पुलिस कांवरियों से अभद्रता करती रही, बेंत चलाकर उन्हें खदेड़ती रही। इसके बाद पुलिस ने मंदिर के आसपास मौजूद दुकानदारों के मोबाइल फोन भी चेक किए, कई दुकानदारों से फुटेज डिलीट भी करवाई। इतना होने के बावजूद किसी न किसी मोबाइल में फुटेज रह गई, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग इस घटना को शहर कोतवाली पुलिस की तानाशाही बता रहे हैं।