बलियाः क्या बदलेगी इस संसदीय क्षेत्र की सियासत ?
विधान केसरी समाचार
बलिया। उत्तर प्रदेश के अंतिम छोर पर गंगा एवं सरयू नदी के बीच बसा बलिया जनपद हमेशा से उठापटक की राजनीति को लेकर सुर्खियों में रहा है। आगामी लोकसभा चुनाव-2024 में बलिया संसदीय क्षेत्र से पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के चुनाव लड़ने की घोषणा ने कई दलों को अभी से सोचने पर मजबूर कर दिया है। अमिताभ ठाकुर अपनी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर के साथ 10 अगस्त को चुनाव की घोषणा के बाद पहली बार बलिया आ रहे हैं। जनपद में वह चुनावी रणनीति तैयार करने के साथ ही ष्अधिकार सेना पार्टीष् के कार्यकारिणी का गठन भी करेंगे। अमिताभ ठाकुर का दावा है कि बहुत जल्द पूर्वांचल के सभी जिलों में एक-एक कर पार्टी के नई कार्यकारिणी का गठन होगा। इसके साथ ही पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव को पूरी मजबूती के साथ लड़ने का काम करेगी।
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने हमेशा गरीब, लाचार एवं सताए हुए लोगों को न्याय दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। इस नाते वह हमेशा राजनेताओं के साथ ही शासन और सत्ता की आंखों के किरकिरी बने रहे हैं। वर्तमान में भी पूरे प्रदेश में छोटे से बड़े मुद्दों को उठाना गरीब और मजदूरों की मदद करना उनकी प्राथमिकता में है। इसे लेकर कुछ लोग नापसंद, तो ज्यादातर लोग पसंद भी करते हैं। आईपीएस की नौकरी से जबरिया रिटायर किए जाने के बाद अमिताभ ठाकुर के जीवन में कुछ दिन के लिए ब्रेक लग गया था वह 7 महीने जेल में भी रहे, जेल से छूटने के बाद उनका आत्मबल कमजोर नहीं हुआ बल्कि और दूने उत्साह के साथ उन्होंने फिर अपनी मुहिम शुरू कर दी है। अब वह राजनीत में कूद पड़े हैं। उन्होंने खाकी वर्दी उतारने के बाद अब खादी धारण कर लिया है। उत्तर प्रदेश में उन्होंने अधिकार सेना पार्टी के नाम से एक नई पार्टी बनाई और राजधानी सहित कई जनपदों में नई कार्यकारिणी का गठन भी कर दिया है। अमिताभ ठाकुर का अगला कदम सबसे पिछड़े जिले बलिया की तरफ है। वह 10 अगस्त को वाराणसी के रास्ते गाजीपुर होते हुए बलिया पहुंचेंगे। जेपी की क्रांतिकारी धरती से बलिया, मऊ और गाजीपुर जनपद के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर नई कार्यकारिणी के गठन पर गहन विचार -विमर्श करेंगे। बलिया में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर दो बार पुलिस कप्तान के रूप में कार्य कर चुके हैं। उनकी छवि एक अच्छे पुलिस अफसर की है। अब बलिया की जनता को अपने पक्ष में करने एवं सियासी जमीन हथियाने में वह कितना सफल होते हैं यह तो समय बताएगा ?
राजनीतिक गलियारे में चर्चा इस बात की हो रही है कि क्या पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के लोकसभा चुनाव लड़ने से जनपद का सियासी ऊंट करवट लेगा। खैर ! अभी लंबा समय है। राजनीति में कुछ भी होना संभव है। देखना है कि अमिताभ ठाकुर का पहला दौरा क्या नया गुल खिलाता है ?