हरदोई: किसानों की उन्नति प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है-रजनी तिवारी
विधान केसरी समाचार
शाहाबाद/हरदोई। विकासखंड टोडरपुर के परिसर में खरीफ गोष्ठी के अंतर्गत कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषि जागरूकता कार्यक्रम में माननीय उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी जी के द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया। इस कार्यक्रम में ब्लॉक प्रमुख त्रिपुरेश मिश्रा, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि राम बाबू त्रिवेदी एवं ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि श्याम बाबू त्रिवेदी, उप कृषि निदेशक नंदकिशोर, उप जिलाधिकारी धीरेंद्र श्रीवास्तव, खंड विकास अधिकारी टोडरपुर बृजेश कुमार एवं सभी सम्मानित जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं सम्मानित प्रधान तथा दूर-दूर गांव से आए हुए ग्रामीणों ने इस गोष्ठी का लाभ उठाया। राज्य मंत्री उच्च शिक्षा रजनी तिवारी द्वारा कृषकों को नीम के पेड़, सोलर पंप व प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के प्रमाणपत्र, स्प्रे मशीन तथा ट्राइकोडर्मा एवं व्यूवेरिया वेसियाना का वितरण किया।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए बहुत से उपाय किये हैं। किसानों की उन्नति शासन की शीर्ष प्राथमिकता है। किसानों को नई तकनीकों से लगातार सुसज्जित किया जा रहा है। उपनिदेशक नंदकिशोर ने कहा कि किसानों को आवश्यक मात्रा में ही उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए। मिट्टी की जाँच करा लेना बेहतर परिणाम दे सकता है। उन्होंने कृषकों को जैविक खाद के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक अनुदान देकर उन्नत प्रजाति के बीज वितरित किये जा रहे हैं। प्राकृतिक आपदा की दशा में फसल बीमा योजना के अंतर्गत क्षतिपूर्ति भी करायी जाएगी। किसान भाई 25 अगस्त तक केवाईसी अवश्य करा लें।
इस कार्यक्रम में ब्लॉक प्रमुख त्रिपुरेश मिश्रा ने कहा कि इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य है कि किसानों की आय बढ़ाना और उपज की उत्पादकता बढ़ाना है। किसान खुद को व्यवसाई और कृषि को व्यवसाय के रूप में लें। खेत किसानों की फैक्ट्री है। जिस प्रकार उद्यमी अपनी फैक्ट्री को बंद नहीं रखता है उसी प्रकार किसान को अपना खेत लंबे समय तक खाली नहीं छोड़ना चाहिए। सभी किसान साल में तीन चार फसल जरूर ले। बीडीओ बृजेश कुमार मिश्रा ने कहा कि चीनी मिल से निकले प्लेसमेंट अवशेष को पोटाश की पूर्ति हेतु इस्तेमाल किया जाए किसान परंपरागत खेती के साथ फलो व फूलो, औषधियों की खेती और बागवानी कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। किसान मुर्गी पालन, बकरी पालन, गाय और भैंस पालन करके भी अपनी आय बढ़ा सकते हैं। कस्टम हायरिंग सेंटर में लेजर लैंड लेवलर को बढ़ावा दिया जाए। फसल अवशेष प्रबंधन हेतु उपयोगी कृषि यंत्रों को समूहों को उपलब्ध कराया जाए तथा निर्धारित किराए पर किसानों को उपलब्ध कराया जाए शासन द्वारा हर जिले में दो-दो स्वयं सहायता समूहों को ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है जिससे स्प्रिंकल विधि से रसायनों दवाओं का छिड़काव हो सके शासन द्वारा प्रत्येक जिले में दो-दो हाईटेक नर्सरी लगाने लगाए जाने की भी व्यवस्था की जा रही है। जिससे किसानों को अच्छे उत्पादकता वाले पौधे उपलब्ध हो सकेंगे। किसान भाई बीज शोधन करके ही बुवाई करें उसे रोक लगने की संभावना नहीं रहती है और उत्पादकता में वृद्धि होती है।