मऊ: जन्म से लेकर पांच साल तक के बच्चो का लिया गया वनज
विधान केसरी समाचार
मऊ। राष्ट्रीय पोषण माह तथा बाल विकास सेवाएवं पुष्टाहार विभाग की गतिविधियों के तहत माह के पहले मंगलवार को जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन किया गया। जन्म से पांच वर्ष तक के बच्चों का वजन एवं लंबाई के अनुसार माप की गयी तथा कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन किया गया। यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने एक प्रेस नोट के माध्यम से दिया।
जारी प्रेस नोट के माध्यम से डीपीओ ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान गर्भवती को गाजर, पालक ,हरा साग,चना, मौसमी फल आदि के प्रयोग की सलाह दी गई। शासन द्वारा इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों के उचित मानसिक, शारीरिक एवं सामाजिक विकास की नींव रखना, अस्वस्थता वकुपोषण से बचाव करबच्चों के विकास मे वृद्धि करना है। इसके साथ ही इन दिवसों के माध्यम से कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों औरमहिलाओं के लिये सहायक पुष्टाहार की व्यवस्था भी सुनिश्चित करना है। परदहा ब्लाक के बाल विकास परियोजना अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि जुलाई माह से चलने वाले संभव अभियान तथा राष्ट्रीय पोषणमाह के पहले मंगलवार को परदहा ब्लाक के 2 सौ 12 आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यकर्ताओं द्वारा कुल 19 हजार 8 सौ 86 जन्म से पांच वर्ष तक के बच्चों की जांच की गई, जिसमें 1 सौ 93 बच्चे अति कुपोषितऔर 3 सौ 68 बच्चे कुपोषित चिन्हित हुए। शेष सामान्य श्रेणी में मिले हैं। परदहा ब्लाक की मुख्य सेविका गीता तिवारी ने बताया कि इस अभियान के तहत पांच अति कुपोषित व कुपोषित बच्चों का पोषण पुनर्वास केंद्र तथा ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर समुचित इलाज चल रहा है। इसके साथ ही इस अभियान के तहत पोषण व स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी गयी तथा महिलाओं व बालिकाओं को एनीमिया का इलाज एवम बचाव के उपाय बताये गए। इसके अलावा गर्भवती तथा धात्री माताओं को बच्चों के समग्र विकास के लिए आवश्यक देखभाल तथा खानपान संबन्धित जानकारी दी गयी। इसके साथ ही बच्चों को मेन्यू के हिसाब से हरी सब्जी, दाल, दलिया आदि खाद्य पदार्थ ठोस आहार के रूप में देने के लिये बताया गया।