आगरा: लव जिहाद में महिलाएं भी सक्रिय! पड़ोसी की लड़की को लेकर विशेष समुदाय की महिला गायब
विधान केसरी समाचार
आगरा- बेशक सरकार लव जिहाद के मामलों में सख्ती से निपटने के लिए प्रयासरत है, लेकिन पुलिस की शिथिलता सरकार के मंसूबों पर पानी फेर रही है। ऐसा ही एक प्रकरण थाना जगदीशपुरा में सामने आया है। एक लड़की को उसके सामने रहने वाली समुदाय विशेष की महिला लेकर गायब हो गई है। करीब दो महीने बीतने के बाद भी पुलिस उस लड़की को खोज नहीं सकी है। पीडित परिवार को लव जिहाद के शिकार की आशंका है।
उत्तर प्रदेश आगरा के थाना जगदीशपुरा क्षेत्र में श्महिला लव जिहाद का मामला सामने आया है। आरोप है कि एक 18 साल की लड़की को सामने रहने वाली समुदाय विशेष की महिला अपने साथ बहला फुसलाकर ले गई। 17 जून से लापता हाईस्कूल की छात्रा का कोई अता पता नहीं है। पीडित परिजनों ने लव जिहाद के शिकार की आशंका जताई है। इस मामले में एसएसपी के हस्तक्षेप के बाद मुकदमा तो पंजीकृत हो गया है, लेकिन पुलिस अधिकारियों की शिथिल कार्यशैली के चलते पीडितों को न्याय मिलना मुश्किल हो रहा है।
थाना जगदीशपुरा के आवास विकास कालोनी के रहने वाले प्रदीप (काल्पनिक नाम) की 18 साल की बेटी ने इसी साल 2022 में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की है। पांच साल पहले वह आवास विकास कालोनी में रहने आया थे। पीडित ने बताया कि उसके घर से सामने शकीलुद्दीन का परिवार रहता है। शकीलउद्दीन शाह मार्केट में पार्किंग की ठेकेदारी का काम करता है। शकीलउद्दीन की बेटी मंतशा 30 वर्ष, अविवाहित है और वह उसकी बेटी से दोस्ती रखती थी। जिसे वह पसंद नहीं करते थे। कई बार उसने इसके लिए अपनी बेटी को भी टोका था और मंतशा से भी बात करने के लिए मना किया था। मगर उनकी बातचीत जारी रही। 17 मई दोपहर 12.30 पर उसकी बेटी को मंतशा अपने साथ ले गई। करीब दो महीने बीत रहे हैं, लेकिन उसकी बेटी अब तक कुछ भी अता-पता नहीं है। पीडिता माता पिता रोजाना थाने के चक्कर काट रहे हैं। उन्हें आशंका है कि उसकी बेटी लव जिहाद का शिकार हो गई है। इस संबंध में थाना पुलिस ने मंतशा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है, लेकिन पुलिस अभी तक दोनों को खोज नहीं सकी है। एसपी सिटी विकास कुमार का कहना है कि मुकदमा दर्ज हो चुका है। पुलिस प्रयास कर रही है। जल्द से जल्द पता लगाया जाएगा।
शकीलउद्दीन का परिवार भी संदिग्ध
पीडित परिवार का कहना है कि जिस दिन उनकी बेटी गायब हुई थी। तो शकीलउद्दीन के परिवार के लोग भी घर पर नहीं थे। शाम को जब शकीलउद्दीन आया तो उसने कहा कि उसकी बेटी मंतशा तो घर पर सो रही है, जब घर के भीतर जाकर देखा तो मंतशा घर पर नहीं थी। सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस का कहना है कि इस तरह के मामलों से समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। आपसी सौहार्द एवं भाईचारा भी प्रभावित होता है। इस मामले में पीडिता को बरामद कर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।
एसएसपी के हस्तक्षेप पर दर्ज हुआ केस
पीडि़त पिता ने बताया कि 17 मई को 112 पुलिस कंट्रोल रुम पर शिकायत की थी। पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी फटेज चेक किए तो सीसीटीवी में मंतशा और उसकी बेटी एक साथ जाती हुई दिखाई दी हैं। मंतशा आगे चल रही है और उसके पीछे उसकी बेटी बिना चप्पलों के जा रही है। इस घटना के बाद वह थाना जगदीशपुरा में लगातार अपनी शिकायत दर्ज करवाने के लिए भटकता रहा, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। एसएसपी के हस्तक्षेप के बाद 24 मई को उसकी शिकायत दर्ज हो सकी।