वाराणसी: बीएचयू में योग कर रही शोध छात्रा की मौत

 

विधान केसरी समाचार

वाराणसी। बीएचयू में एक छात्रा की योग करने के दौरान ही मौत से पूरे कैम्पस में हड़कंप मच गया। मंगलवार की सुबह सात बजे तक वह एकदम फिट थी। जानकारी के अनुसार, अनुभा फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉ. संगीता गहलोत के अंडर में रिसर्च कर रही थी। वह वर्किंग वुमेन हॉस्टल में रहती थी। अनुभा ने बीएचयू के मनोविज्ञान विभाग से डिप्लोमा भी किया है। अनुभा की मौत के बाद बीएचयू साइकोलॉजी के प्रोफेसर और छात्रों में शोक की लहर व्याप्त है। पहले लोगों ने कहा कि छात्रा की रहस्मयी परिस्थितियों में मौत हुई है। इसके बाद कहा गया कि सुबह योग से पहले वार्मअप के दौरान चक्कर आया। फिर बेहोश हो गई। उसी हालत में अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

फिजियोलॉजी डिपॉर्टमेंट के वैद्य सुशील दुबे ने बताया कि अनुभा को टाकायासू आर्टराइटिस नाम एक दुर्लभ बीमारी थी। उसके पिता ने इस बीमारी की पुष्टि की है। यह खून के नसों की बीमारी है। यह कुल मिलाकर 4 देशों में ही रिपोर्ट की गई है। अमेरिका, कनाडा और भारत में ही साल भर में 2-3 लोगों की मौत होती है। अस्पताल लेकर गए तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अनुभा की बॉडी बीएचयू अस्पताल की मर्चरी में ही रखी गई है। उसके माता-पिता को जानकारी दी गई है। बताया जा रहा है कि अनुभा ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीए और एमए की डिग्री हासिल की है।

अनुभा की मौत के बाद आईएमएस बीएचयू के न्यूरोलॉजी के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. रामेश्वर चैरसिया ने बताया कि एक्सरसाइज का तरीका नियमित होना चाहिए। धीरे-धीरे इसे बढ़ाना चाहिए। लोगों की जो स्टेमना रही है, उसके अनुसार एक्सरसाइज करें। पोस्ट कोविड परिस्थितियों में फेफड़ा संक्रमित हुआ है। जिम में जाकर एक ही बार में बॉडी पर ज्यादा लोड न दें। ग्रेजुअली एक्सरसाइज करके अपने स्टेमिना बढ़ाएं।