कन्नौजः अगेती आलू हेतु करे अगेती प्रजातियों का ही प्रयोग- डॉ अमर सिंह
विधान केसरी समाचार
कन्नौज। कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी कन्नौज द्वारा कृषि भवन कन्नौज मे प्रसार कार्यकर्ता परीक्षण अगेती आलू उत्पादन तकनीक विषय पर आयोजित किया जिसमे केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉ अमर सिंह ने अगेती आलू उत्पादन तकनीक विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि किसान भाई आलू की अगेती प्रजातियाँ कुफरी ख्याति कुफरी अरुण कुफरी गरिमा कुफरी अशोका कुफरी पुखराज आदि लगाने की सलाह दी साथ ही बताया यदि पछेती या मुख्य प्रजातियों को अगेती फसल के रूप में प्रयोग करते हैं तो उत्पादन प्रभावित होता है जिससे भारी आर्थिक नुकसान होता है क्यों कि वह प्रजातियां अगेती फसल के रूप में प्रयोग हेतु नहीं होती।
अगेती आलू की बुवाई का उचित समय 15 सितंबर से 30 सितंबर के बीच कर सकते है बीज उपचार हेतु 8 से 10 ग्राम ट्राइकोडरमा को प्रति लीटर पानी के साथ घोल मे 5 मिनट के लिये रखें जिससे बीज उपचारित हो जाये तथा मिट्टी के उपचार हेतु 2.5 किलोग्राम ट्राइकोडरमा प्रति हेक्टेयर प्रयोग की सलाह दीस अगेती फसल हेतु 35 से 40 ग्राम का बीज को बिना कांटे (पूरा आलू) बुवाई मैं प्रयोग करें काट कर बुवाई करने पर अधिक तापमान होने के कारण आलू के खराब होने की संभावना होगी खाद एवं उर्वरक प्रबंधन खाद एवं उर्वरक प्रबंधन में सब से पहले मिट्टी का परीक्षण कराये उसके बाद ही खाद एवं उर्वरक का प्रयोग करे यदि मृदा परीक्षण नहीँ करा पाये तो आलू की अगेती फसल हेतु संतुलित खाद एवं उर्वरक ही प्रयोग करे जो प्रति हेक्टेयर 150 किलो ग्राम नाइट्रोजन, 80 किलोग्राम ,80 किलो ग्राम ,25 किलोग्राम जिंक सल्फेट,25 किलोग्राम सल्फर, 35 से 40 किलोग्राम फेरस सल्फेट 18 किलोग्राम बोरेक्स ,10 से 12 किलोग्राम रीजेंट आलू में घुघीया(सूड़ी) कीट के नियंत्रण हेतु प्रति हेक्टर प्रयोग करें प्रति बीघा उर्वरक के रूप में देना हो तो अगेती फसल हेतु 15 से 18 किलो डीएपी, 21 किलो यूरिया, 13 किलोग्राम पोटाश 2 किलोग्राम जिंक सल्फेट, 2 किलोग्राम सल्फर किलोग्राम 1ऽ5 किलोग्राम बोरेक्स 4 किलो फेरस सल्फेट जिसमे यूरिया को छोड़कर शेष सभी उर्वरकों की संपूर्ण मात्रा अंतिम जुताई के समय प्रयोग करें बची हुई नाइट्रोजन (यूरिया)को बलुई मिट्टी मे तीन भागों में 15 दिन 25 दिन ,35दिन में प्रयोग करें तथा दोमट मिट्टी में 15 से 20 दिन तथा 25 से 30 दिन मे प्रयोग करें आलू की अगेती फसल मैं 40 दिन के बाद यूरिया का प्रयोग न करने की सलाह दी स इसी क्रम मे केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ अरविंद कुमार ने किसानों को खरपतवार नियंत्रण की जानकारी दी तथा अभिशांक सिंह जिला कृषि अधिकारी सदर कन्नौज ने इस कार्य क्रम को सफल बनाया इस प्रशिक्षण मैं 50 प्रसार कार्य कर्ताओं ने भाग लिया जिस मे डॉ धीरेन्द्र सिंह पंकज पांडे दिलीप कुमार ओम नाथ पाल प्रतीक त्रिवेदी इत्यादि लोगों ने सहयोग किया।