कांठः धूं-धूं कर जल उठा रावण का पुतला

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कांठ। विजयदशमी पर्व दशहरा मेला स्थल में इस वर्ष भी दशहरे मेले का आयोजन किया गया, जहां भगवान राम के द्वारा तीर चलाते ही रावण का पुतला धूं-धूं कर जल उठा। विजयदशमी का पर्व कांठ क्षेत्र में हर्षोल्लास से मनाया गया। लोगों ने अपने अपने घरों में शस्त्र एवं भगवान श्री राम का पूजन किया। भगवान श्री राम, लक्ष्मण एवं हनुमान जी रथ में सवार होकर रामलीला मंदिर से नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए धूमधाम के साथ दशहरा मेला स्थल पर पहुंचे, जहां भगवान श्री राम और रावण के बीच भीषण युद्ध हुआ। भगवान श्रीराम ने रावण की नाभि में तीर मार कर उसका वध किया। रावण का वध होते ही रावण का पुतला धूं-धूं कर जल उठा। रावण का पुतला चलते ही पूरा मेला परिसर जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। रावण का दहन होते हैं युवाओं में शेष बची लकड़ियों को अपने घर ले जाने के लिए खींचातानी शुरू हो गई।

मान्यता है कि जो भी रावण जलने के बाद बची शेष लकड़ियों को अपने घर पर रखता है उसके घर पर किसी भी चीज का नकारात्मक प्रभाव नहीं होता तथा बुरी आत्माएं दूर रहती हैं। क्षेत्रीय जनता ने मेले का भरपूर आनंद उठाया। बच्चों ने मेले में जमकर झूलों का लुफ्त उठाया तथा खरीदारी की। मेला स्थल पर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों तथा सामाजिक संगठनों द्वारा अपने-अपने कैंप लगाए गए जहां मेले में आए श्रद्धालुओं का स्वागत किया गया। इस दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता मुकेश माहेश्वरी, पूर्व सांसद प्रतिनिधि सुरेंद्र चैहान, मा राजवीर सिंह विश्नोई, भूपेंद्र सिंह उर्फ टिल्लू चैहान, सुरेश चैहान, बीनू कुमार, हरपाल सिंह, हुकुम सिंह, अरविंद कुमार, कौशल चैहान, हरपाल सिंह, पवन भुईयार, धर्मपाल सिंह चैहान आदि मौजूद रहे। संचालन मा. राजवीर सिंह ने किया।