बलियाः 100 एकड़ परवल की खेती बाढ़ में डूबने से नष्ट
विधान केसरी समाचार
बलिया। सरयू नदी में आई बाढ़ का असर इस कदर हुआ है कि लोगों की दिनचर्या पूरी तरह प्रभावित हो गई है। इसे वापस लौटने में महीनों गुजर जाएंगे। बाढ़ ने शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर रोजमर्रा के कार्यों को भी प्रभावित किया है।
विकास खंड मुरली छपरा क्षेत्र के चाँददीयर पंचायत के टोला फतेह राय, बैजनाथ के डेरा, बकुल्हां पूर्वी, बकुल्हां पच्छिमी, पियारी के डेरा सहित अन्य पूर्वों के दर्जनों किसान परवल की खेती करते चले आ रहें है, जो प्रति वर्ष की तरह इस साल भी कुछ किसान करीब 100 एकड़ में परवल की खेती किए थे। इतना ही नहीं 100 एकड़ से अधिक खेत बोने के लिए परवल का लती (बीज ) खरीदकर अपने घर पर रखकर अभी तैयारी कर ही रहे थे कि अचानक से सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई और बोए हुए सभी खेत बाढ़ के पानी से डूब गए। संयोग रहा कि किसान अभी बो नहीं पाए थे। उनका हजारों रुपये का परवल बोने वाली लत्ती उनके दरवाजे पर सुख रही है। किसान करीब तीस हजार रुपये एकड़ खर्च कर बड़ी उम्मीद से खेती किए थे। उसी में कुछ किसान अपने पैसे के दम पर, तो कुछ किसान आम लोगों से कर्ज लेकर खेती किए थे। ताकि परवल बिकते ही उनका वापस कर देंगे, लेकिन आज अपने खेतों में लगे बाढ़ का पानी देख चिंतित है। उनका कर्ज कैसे वापस हो पाएगा। कुछ किसान इसी खेती के भरोसे उनका पूरा जीवन चर्या चलता है। वह कैसे चलेगा ? इसे लेकर चिंतित है।
इन किसानों ने की थी खेती..
चाँददीयर पंचायत के कुल कई पूर्वों के किसान सुदामा सिंह ,मैजू सिंह ,रघुनाथ चैधरी ,कमच्छा ठाकुर ,मोटक चैधरी ,सुदर्शन पासवान ,हरेराम शर्मा ,मोतीलाल शर्मा ,पंचदेव चैधरी ,रामनाथ चैधरी ,रामनरायन चैधरी ,भुल्ली मल्लाह ,भरत चैधरी ,बृजबिहारी चैधरी ,राजदेव चैधरी ,सन्तोष चैधरी ,त्रिलोकी चैधरी ,उमेश चैधरी ,जयनाथ चैधरी ,कमलेश यादव ,बच्चा लाल यादव ,सिपाही यादव ,बरमेश्वर चैधरी सहित कई अन्य किसानों ने परवल की खेती की थी।