वाराणसी: अदालत सख्त: वाराणसी में हुए बवाल के मामले में अविमुक्तेश्वरानंद, सतुआ बाबा, बालक दास सहित कई फरार घोषित, कोर्ट ने कुर्की का आदेश दिया, कहा कार्रवाई कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें
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वाराणसी। दशाश्वमेध थाने में प्रतिकार यात्रा निकालने के दौरान पुलिस टीम पर हमला करने, तोड़फोड़ व आगजनी करने के मामले में आरोपियों के कोर्ट में हाजिर न होने पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। विशेष न्यायाधीश (एमपीध्एमएलए) सियाराम चैरसिया की अदालत ने इस मामले में आरोपी शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, सतुआ बाबा, महंत बालक दास, मंडुआडीह थाने के हिस्ट्रीशीटर पंकज सिंह उर्फ डब्ल्यू राय, अरुण पाठक, अजय चैबे, अमरनाथ यादव उर्फ डब्लू, असित दास समेत कई लोगों के मुकदमे में हाजिर न होने पर उन्हें फरार घोषित करते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उनके घर कुर्की करने का आदेश पुलिस को दिया गया है। साथ ही अदालत ने इस मामले में अपर पुलिस उपायुक्त काशी जोन को यह आदेश दिया है की उक्त मामले में कोर्ट द्वारा जारी गैर जमानती वारंट व कुर्की के आदेश के तहत कार्रवाई कर उसकी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करें।
गंगा में गणेश प्रतिमा विसर्जन पर अड़े लोगों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा 5 अक्तूबर 2015 को मैदागिन के टाउनहाल से दशाश्वमेध तक अन्याय प्रतिकार यात्रा निकल रही थी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द के आगे-आगे भी एक जत्था चल रहा था। इस बीच शाम करीब साढ़े चार बजे के आसपास गोदौलिया चैराहे पर खड़ा एक सांड़ भड़क गया और गिरजाघर चैराहे की ओर भागा। जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई। भगदड़ देख चैक से गोदौलिया की ओर बढ़ रही अन्याय प्रतिकार यात्रा में शामिल लोग भी भागने लगे। उन्हें लगा कि पुलिस ने यात्रा रोकी है और लाठीचार्ज कर दिया है। इसी बीच मौका पाकर उपद्रवियों ने पहले पुलिस बूथ फिर एक सरकारी जीप में आग लगा दी। बूथ में लगी आग इतनी भयावह थी कि उसकी लपटों ने ठीक पीछे तांगा स्टैंड को भी अपनी चपेट में ले लिया। जिसमें एक मजिस्ट्रेट की जीप, फायर ब्रिगेड की गाड़ी व पुलिस की वैन, लगभग दो दर्जन बाइक आग के हवाले कर दी गईं। इस दौरान गोदौलिया तांगा स्टैंड पर कहीं से दो पेट्रोल बम भी फेंके गए। इससे आग और तेजी से फैली। वहीं पथराव में तत्कालीन एडीएम एमपी सिंह, सिगरा थानाध्यक्ष, पीएसी का एक जवान और एक चैनल का फोटोग्राफर बुरी तरह घायल हो गये।
उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पहले लाठियां पटकीं, फिर आंसू गैस और रबड़ बुलेट का इस्तेमाल किया। हवाई फायरिंग भी हुई। पुलिस ने उपद्रव प्रभावित इलाकों को जाने वाले रास्तों को सील कर दिया। हालात काबू में नहीं आता देख कोतवाली, चैक, दशाश्वमेध, लक्सा और चेतगंज थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया। फोर्स इन सभी इलाकों में चक्रमण पर निकल गई। सबकुछ सामान्य होने पर दो घंटे बाद कर्फ्यू हटा लिया गया।
इसी मामले में दशाश्वमेध थाने में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, सतुआ बाबा, महंत बालक दास, पूर्व विधायक अजय राय, मंडुआडीह थाने के हिस्ट्रीशीटर पंकज सिंह उर्फ डब्ल्यू राय, अरुण पाठक, अजय चैबे, अमरनाथ यादव उर्फ डब्बल, असित दास समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें पूर्व विधायक अजय राय कोर्ट में हाजिर हो गए, जबकि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, सतुआ बाबा, महंत बालक दास, मंडुआडीह थाने के हिस्ट्रीशीटर पंकज सिंह उर्फ डब्ल्यू राय, अरुण पाठक, अजय चैबे, अमरनाथ यादव उर्फ डब्बल, असित दास समेत कई लोगों के हाजिर न होने पर कोर्ट ने उन्हें फरार घोषित करते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर उनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है।