वाराणसी: पहलवानी छोड़कर बने असलहों के सौदागर, एसटीएफ ने दो को पकड़ा, 07 सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल और 13 मैगजीन बरामद
विधान केसरी समाचार
वाराणसी। यूपी एसटीएफ ने अंतरराज्यीय असलहा तस्कर गिरोह के दो सदस्यों को सारनाथ के आशापुर स्थित पुराना आरटीओ तिराहे के पास से मंगलवार को गिरफ्तार किया। दोनों पहलवानी छोड़कर असलहा तस्करी के धंधे में जुड़ गए। गिरोह के मास्टरमाइंड समेत अन्य सदस्यों के बारे में एसटीएफ ने अहम जानकारियां जुटाईं हैं।
यूपी एसटीएफ के वाराणसी फील्ड इकाई को सूचना मिली कि पूर्वांचल में असलहा तस्करी गिरोह सक्रिय है। उस गिरोह के सदस्य असलहा तस्करी के लिए सारनाथ के आशापुर में मौजूद हैं।
टीम ने घेराबंदी करते हुए दोपहर बाद दोनों तस्करों को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से 32 बोर की 7 सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल और 13 मैगजीन बरामद हुए। गिरफ्तार आरोपी देवेश्वर शुक्ला और अंबुज दोनों मिर्जापुर के यशवंत सिंह का पुरा और बसुहरा के रहने वाले हैं।
पूछताछ में दोनों ने बताया कि वह कुश्ती लड़ते थे और इसका वीडियो बनाकर फेसबुक पर अपलोड करते थे। फेसबुक पर वीडियो को देखकर इसी वर्ष जुलाई माह में प्रयागराज के मेजा थाना अंतर्गत खानपुर के विपिन दूबे ने सम्पर्क कर दोस्ती गांठी।
दोस्ती के दौरान विपिन दूबे ने बताया कि असलहा तस्करी में अकूत पैसा है और कद काठी से तुम दोनों काफी मजबूत हो। इस धंधे में उतर जाओ। मनीष की बात मानकर वह दोनों पैसे के लालच में असलहा तस्करी के धंधे में जुड़ गए।
विपिन दुबे ने पैसा देकर मध्य प्रदेश के बड़वानी निवासी एक सरदार (नाम नहीं पता) के पास भेजता था। पैसा देकर उक्त सरदार से असलहा खरीदते थे और और मध्य प्रदेश से उन असलहों को लाकर विपिन दूबे को दे दिया करते थे। इसके बदले में विपिन 07 हजार रूपये प्रति पिस्टल के हिसाब से पैसा दे दिया करता था। इस प्रकार अबतक कई असलहा लाकर विपिन दूबे को दे चुके हैं।
पूछताछ में बताया कि धनतेरस के दिन बड़वानी गए थे और उसी सरदार से सात सेमी ऑटोमेटिक 32 बोर की पिस्टल और इसकी 13 मैगजीन लेकर आये थे, जिसे वाराणसी में विपिन दुबे को देना था।
इन असलहों को देने के लिये विपिन दूबे का इंतजार कर रहे थे। गिरफ्तार दोनों अभियुक्तों के खिलाफ सारनाथ में आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया। विपिन दुबे की तलाश की जा रही है।