रूसी नेता का दावा: पुतिन की परमाणु धमकी सिर्फ जुबानी नहीं, सच में कर सकते हैं हमला

 

महीनों से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध  में अमेरिका और अन्‍य पश्चिमी देश यूक्रेन को सपोर्ट कर रहे हैं. यूक्रेन को बड़े पैमाने पर हथियार, दवाएं और रसद सामग्री मुहैया कराई गई है. इस पर रूस इलाके में अकेला पड़ गया है, लेकिन रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि यदि रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों ने आक्रामक नीति अपनाई तो परमाणु युद्ध छिड़ सकता है.

व्लादिमीर पुतिन पहले भी कई यह जता चुके हैं कि रूस यूक्रेन में चल रहे युद्ध के दौरान परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है. इस पर हाल में अमेरिकी एजेंसियों ने कहा कि पुतिन परमाणु हमले की धमकी दे रहे हैं. हालांकि, उससे पहले रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने अपनी भारत यात्रा के दौरान कहा था कि वे यूक्रेन पर परमाणु हमला नहीं करेंगे.

रूसी विदेश मंत्री के बयान के उलट अब एक रूसी विपक्षी राजनेता ने कहा है कि व्लादिमीर पुतिन की परमाणु हमले की धमकी “वास्तविक है और यह केवल उनके जुबानी शब्‍द नहीं हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रूसी विपक्षी राजनेता ग्रिगोरी यवलिंस्की, जो रूसी राष्ट्रपति शासन के लंबे समय से आलोचक रहे हैं, उन्‍होंने यह कहा है कि पुतिन एटमिक हमला कर ही सकते हैं.

ग्रिगोरी यवलिंस्की ने जोर देकर कहा कि रूस यूक्रेन के खिलाफ अपनी परमाणु क्षमताओं का उपयोग कर सकता है यदि रूस से क्रीमिया को फिर से हासिल करने की कोशिश की जाएगी.

न्यूजवीक के अनुसार, ग्रिगोरी यवलिंस्की बोले, “मुझे लगता है कि [पुतिन का] परमाणु धमकी एक वास्तविक खतरा है. इस तरह का बयान वाकई गंभीर बात है, यह [सिर्फ] शब्द नहीं है, बल्कि यह हकीकत में बदल सकती है, जिसे आपको मौजूदा स्थिति में ध्यान में रखना है.”

व्लादिमीर पुतिन ने पहले कई बार दावा किया है कि यूक्रेन आक्रमण के बीच रूस परमाणु हथियारों का उपयोग करने के लिए तैयार है क्योंकि मास्को को अमेरिका की अगुवाई वाले नाटो कंट्रीज के पास मौजूद हथियारों से निपटना है, जिन्‍हें वे रूस के खिलाफ इस्‍तेमाल करने की सोच रहे हैं.

व्लादिमीर पुतिन ने अपने एक बयान कहा था, “आज की परिस्थितियों में, जब सभी प्रमुख नाटो देशों ने हमें रणनीतिक रूप से पराजित करने, हमारे लोगों को पीड़ित करने के लिए अपने मुख्य लक्ष्य की घोषणा की है… तो हम उनकी परमाणु क्षमताओं को कैसे ध्यान में नहीं रख सकते हैं? इसके अलावा, वे यूक्रेन को अरबों डॉलर के हथियारों की आपूर्ति भी कर रहे हैं.,”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि पश्चिम का “मुख्‍य मकसद” “पूर्व सोवियत संघ को भंग करना” और रूस को अलग-थलग करने पर रहा है. उन्‍होंने कहा कि “सोवियत संघ एक ऐतिहासिक रूस” था, जिसके विघटन में पश्चिमी देश जिम्‍मेदार थे.