प्रयाजराजः लंका नरेश रावण का वध होते ही जय श्री राम के जयकारे से पूरा परिषर गूंज उठा
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प्रयाजराज। श्री श्री बालरामलीला समिति सिविल लाइन्स प्रयाजराज की रामलीला मंचन में मेघनाथ वध और सुलोचना के सती वा रावण वध का मंचन दर्शाया गया । रावण अपने पुत्र मेघनाथ को युद्ध भूमि के लिए रवाना करता है युद्ध भूमि में लक्ष्मण और मेघनाथ के बीच बड़ा रोचक युद्ध होता है युद्ध में मेघनाथ मारा जाता है लक्ष्मण द्वारा मेघनाथ की मारे जाने की खबर सुनकर रावण बेहोश होकर धरती पर गिर जाता है। उसके बाद सुलोचना सती के मंचन को देखकर दर्शक भावुक हो जाते हैं ।
उसके बाद भगवान राम और रावण के बीच युद्ध की लीला का मंचन किया गया। मंचन किया गया कि रावण के सिर बार-बार काटने पर पुनरू आ जाते हैं, ऐसे में विभीषण श्रीराम के पास आते हैं और बताते हैं कि रावण की नाभि में अमृत है। जब तक अमृत को नहीं सुखाया जाएगा तब तक रावण की मृत्यु नहीं हो पाएगी। उसके बाद भगवान राम बाण मारकर रावण की नाभि का अमृत सुखा देते हैं। उसके बाद रावण गिर जाता है। रावण के जमीन पर गिरने के बाद भगवान राम लक्ष्मण को रावण के पास जाकर राजनीति की शिक्षा लेने का आदेश देते हैं। लक्ष्मण रावण के सिर के पास खड़े होकर राजनीति की शिक्षा देने को कहते हैं। रावण कहता है कि यदि उन्हें शिक्षा लेनी है तो वह उनके पैरों के पास खड़े हों। रावण की यह बात सुनकर लक्ष्मण भगवान राम की ओर देखते हैं। राम, लक्ष्मण को रावण के पैरों के पास खड़े होने को कहते हैं। उसके बाद लक्ष्मण रावण के पैरों के पास जाकर खड़े हो जाते हैं। रावण लक्ष्मण को शिक्षा देता है और बाद में प्राण त्याग देता है।
जिसके बाद भगवान की जय श्री राम ले नारे लगने लगे । रामलीला प्रारंभ होने से पहले भगवान श्री राम लक्ष्मण और माता सीता की आरती उतारी गई जिसमें न्यूरोसर्जन डॉ कार्तिकेय शर्मा, समिति के अध्यक्ष व पार्षद अमित सिंह बबलू, वरिष्ठ उपाध्यक्ष यादव सुभाष के यादव ,महामंत्री अजीत जायसवाल, प्रयाग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष राणा चावला , उप प्रधान संरक्षक अनिल गुप्ता, चैयरमैन रत्नेश मिश्रा, उपाध्यक्ष बबलू सिंह रघुवंशी, उपाध्यक्ष विशाल कनोजिया, निदेशक जगदीश बंधु, प्रधान निदेशक शंकर सुमन, उपाध्यक्ष नीरज खेड़ा टेक्स्ट डायरेक्टर एमएनआईटी राजीव त्रिपाठी मीडिया प्रभारी पंकज चैधरी आदि लोगो ने किया।