लखनऊः सहायक शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटालाः पीड़ित अभ्यर्थियों ने भाजपा कार्यालय पर किया धरना प्रदर्शन, बोले- आरक्षण घोटाला करके सीट बेचकर अधिकारियो ने की अपनी जेब गर्म

विधान केसरी समाचार

लखनऊ । 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने भाजपा कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया बाद में इन्हे पुलिस ने बस में बैठकर इको गार्डन भेज दिया ।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि सरकार ने 19000 आरक्षण घोटाले के सापेक्ष 5 जनवरी 2022 को 6800 की एक लिस्ट निकाली थी जिसे लखनऊ हाई कोर्ट सिंगल बेंच ने 13 मार्च 2023 को पूरी तरह से रद्द कर दिया और स्पष्ट तौर पर कहा कि इस भर्ती में जितनी सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है हुई हैं वह सभी सीटें आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को देने के लिए इस भर्ती की 1 जून 2020 को प्रकाशित की गई लिस्ट को अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटागिरी, सब कैटिगरी आदि के कॉलम में दर्शाकर लिस्ट को दोबारा से बनाया जाए तथा विभाग उस लिस्ट को अपनी साइट पर अपलोड करें तथा उस लिस्ट को बेसिक शिक्षा विभाग हाईकोर्ट में भी पेश करें और इसके लिए हाई कोर्ट सिंगल बेंच ने इस कार्य को करने के लिए 13 मार्च 2023 को सरकार के लिए 3 महीने का समय दिया लेकिन आज 8 महीने से अधिक का समय बीत गया उत्तर प्रदेश सरकार एवं विभाग में बैठे बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले में न्याय नहीं दे रहे हैं जिस कारण आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी बहुत दुखी एवं परेशान है और वह अपने न्याय के लिए लगातार लखनऊ में धरना प्रदर्शन करते रहते है।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि सरकार में बैठे बेसिक शिक्षा विभाग के प्रदेश स्तरीय अधिकारी एवं स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय कारण आनंद तथा बेसिक शिक्षा सचिव प्रताप सिंह बघेल आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को न्याय देने से बच रहे हैं और वह लगातार कोर्ट में लंबी-लंबी तारीख लेकर भागने का प्रयास करते हैं लेकिन उन्हें न्याय नहीं दिया जा रहा अब ऐसी स्थिति में लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच ने 4 दिसंबर से आरक्षण मुद्दे को निस्तारित करने के लिए लगा दिया है ।
पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप का कहना है कि इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन करके आरक्षित वर्ग की 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने 29 अप्रैल 2021 को जारी की गई अपनी रिपोर्ट में भी इस बात को माना है कि आरक्षित वर्ग के ओबीसी अभ्यर्थियों को इस भर्ती में 27 % की जगह मात्र 3.86% तथा एससी वर्ग के अभ्यर्थियों को 21 प्रतिसत की जगह सिर्फ 16.2 % ही आरक्षण दिया गया है जो संविधान के खिलाफ है।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का स्पष्ट तौर पर कहना है की सरकार मैं बैठे बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जानबूझकर इस भर्ती में आरक्षण घोटाला करके सीट बेचकर अपनी जेब गर्म की है और यही बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि खराब कर रहे हैं ऐसे अधिकारियों की संपत्ति की जांच की जानी चाहिए और इन्हें इनके पद से हटा देना चाहिए क्योंकि यदि यह दोनो अधिकारी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को न्याय नहीं दे पाते हैं तो यही बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि पूरी तरह से खराब कर देंगे ।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि यह अधिकारी पूरी तरह से भी बेलगाम है तथा शासन का इन पर कोई नियंत्रण नहीं है और जब आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी इन अधिकारियों के पास जाते हैं तो सबसे पहले यह अधिकारी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों से उनकी कैटागिरी पूछते हैं और फिर यह कहकर बात करने को तैयार नहीं होते कि आपका मामला कोर्ट में चल रहा है जबकि यह अधिकारी कोर्ट में भी अपने तथ्य प्रस्तुत नहीं कर रहे ।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी न्याय पाने के लिए अब से कुछ दिन पूर्व राज्यपाल तथा राष्ट्रपति को भी इच्छा मृत्यु का पत्र भेज चुके हैं तथा प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री से भी न्याय की गुहार लगा चुके हैं लेकिन आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को न्याय नहीं दिया जा रहा और बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद तथा बेसिक शिक्षा सचिव प्रताप सिंह बघेल शासन एवं बेसिक शिक्षा मंत्री को गुमराह कर रहे हैं जिस कारण आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को न्याय नहीं मिल पा रहा ।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी आज अपनी पीड़ा को व्यक्त करने के लिए भाजपा कार्यालय गए थे लेकिन वहां भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई और उन्हें बस में बैठकर इको गार्डन भेज दिया गया ।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि वह विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर भाजपा विधायकों से मिलेंगे तथा उनसे अनुरोध करेंगे कि जो आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी स्पेशल अपील 172/2023 महेंद्र पाल बनाम उत्तर प्रदेश सरकार केस के तहत लखनऊ डबल बेंच में याची बनकर न्याय पाने के लिए लड़ रहे हैं उन्हें याची लाभ देकर इस मामले का निस्तारण कर दिया जाए ।