प्रयागराजः शहीदों की गाथा से रूबरू करा रहीं किताबें, पुस्तक मेले में ठण्ड के बावजूद भी पहुॅचे पुस्तक प्रेमी

विधान केसरी समाचार

प्रयागराज। एंग्लों बंगाली इंटर कालेज परिसर में चल रहे तृतीय प्रयागराज पुस्तक मेले में लगभग 80 स्टालों पर विभिन्न विषयों से सम्बन्धित लाखों से अधिक पुस्तकें प्रदर्शित हो रही हैं। लगभग सभी स्टालों पर आजादी की गौरव गाथा और देश के लिये प्राण न्योछावर करने वाले तमाम महान विभूतियों से जुड़ी पुस्तकें बरबस ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर रहीं हैं। आजादी के 75 वर्ष बाद अगर आज भी किसी बच्चे से देश के लिये शहीद होने वाले नायकों के एक दर्जन नाम पूछे जाएं तो वह चार-पांच नामों के बाद ही चुप हो जाएगा। कारण साफ है कि हमारी पाठ्य पुस्तकों से शहीदों की गाथाएं समय के साथ-साथ गायब होती जा रही हैं। लेकिन पुस्तक मेले में ऐसा नहीं हैं।

ज्ञान कुंभ थीम पर आधारित पुस्तक मेले में चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, रानी लक्ष्मी बाई, अशफाक उल्ला, बिरसा मुण्डा जैसे नायकों की पुस्तकें तो लगी ही हैं, लेकिन इन सबसे अलग देश के अलग-अलग राज्यों के शहीदों से जुड़ी गाथाएं बताने वाली पुस्तकें भी स्टाल पर मौजूद हैं। सस्ता साहित्य मण्डल के स्टाल पर लोकेश कुमार शरण की भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में ‘काला पानी’ की ऐतिहासिक भूमिका शीर्षक की पुस्तक जहां तमाम ज्ञात व अज्ञात शहीदों से परिचित करा रही है, वहीं साहित्य भण्डार प्रयागराज के स्टाल पर बच्चों से जुड़ी रमाशंकर की ‘शहीदों की कहानियाॅ’ भी उपलब्ध हैं। इस पुस्तक में वीरांगना प्रीति लता, रानी चेन्नमा, खुदीराम बोस, ओड़िसा के शहीद लक्ष्मण नायक सहित अन्य शहीदों की गाथाएं उपलब्ध हैं। यहीं पर अशिमा सिंह की ‘सर-जमीन-ए-हिंन्द’ जैसे शीर्षक वाली किताब भी शहीदों की कहानियां बयां कर रही है।

इसी कड़ी में मोहनदास नैमिसराय की ‘वीरांगना झलकारी बाई’ और विश्वनाथ वैशम्पायन की शहीद चन्द्रशेखर आजाद की पुस्तक राज कमल प्रकाशन पर मौजूद है। खुदीराम बोस, राजगुरू, अशफाक उल्ला, तात्या टोपे और वीर सावरकर आदि की जीवन गाथा से परिचित कराने वाली पुस्तकें स्टालों पर उपलब्ध है। प्रकाशन विभाग सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के स्टाल पर भगत सिंह से जुड़ी चमन लाल की चार खण्डों की पुस्तकें उपलब्ध हैं। इसके अलावा छोटे बच्चों के लिये भी आजादी के नायकों की कई पुस्तकें उपलब्ध हैं। इसमें शहीदों की कहानिया, देश के वीर, हमारे नायक आदि पुस्तकें हैं।

मेला आयोजक मनोज सिंह चन्देल ने बताया कि गुरूवार को काफी ठण्ड के बावजूद पुस्तक प्रेमियों की भीड़ प्रयागराज पुस्तक मेले में दिखाई पड़ी। पुस्तक मेले में बना साहित्यिक मंच आज सातवें दिन भी छात्र-छात्राओं से गुलजार रहा। आज बच्चों के लिये हिन्दी व अंग्रेजी में निबंध प्रतियोगिता और ‘अपने मन की बात’ विषय पर प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी। इसके साथ ही चुटकुले और शेरो-शायरी का भी दौर चला। जहां शहर भर के विभिन्न स्कूलों-कालेजों के छात्र-छात्राओं ने अभिभावकों और दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों का मनोरंजन भी किया। मेला के सह-संयोजक मनीष गर्ग ने बताया कि इन दोनों ही प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों के नामों की घोषणा पुस्तक मेला समापन से पूर्व कर ली जाएगी और उन्हें 31 दिसम्बर समापन के दिन पुरस्कृत किया जाएगा। मंच से शेरो शायरी के दौरान एक छात्र ने पढ़ा कि ‘पानी पीना है तो गिलास से पियो, बेचारी बोतल में क्या रखा, सेवा करनी है, तो माॅ-बाप की करो, लड़कियों में क्या रखा है’ पर जमकर तालियाॅ बजी। फोर्सवन बुक्स, अग्रवाल सर्व शिक्षा शिक्षा ट्रस्ट और प्रयागराज के सहयोग से आयोजित किया जा रहा पुस्तक मेला 22 दिसम्बर से पुस्तक प्रेमियों के लिए सुबह 11 बजे से लेकर रात्रि 9 बजे 31 दिसम्बर खुला रहेगा।