महोबा: …..यह कैसा विकास, शाशन सत्ता के लोग दे रहे ढपोरशंख करार
विधान केसरी समाचार
महोबा। भारतीय जनता पार्टी का सीर्ष नेतृत्व एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि विकास को लेकर व जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर भले ही अपनी पीठ थपथपा रहा हो लेकिन पार्टी के ही लोग विकास एवं योजनाओं को लेकर असन्तुष्ट हैं। खबर में नाम न लिखने की शर्त पर भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओ ने मीडिया कर्मियों के समक्ष अपना दुखड़ा बयां किया है। भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जनप्रतिनिधियों द्वारा पूरे पांच वर्ष जनता को व पार्टी कार्यकर्ताओं को कोई तरजीह नही दिया जाता बल्कि मगजमारी करतें हैं।जब चुनाव का समय आता है तो कार्यकर्ता व जनता याद आने लगती है। यह पार्टी के उन कार्यकर्ताओ के वक्तव्य हैं जो भाजपा में किसी न किसी पद पर विराजमान हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी में वही लोग मौज कर रहे हैं जो केवल उच्च पद पर आसीन हैं।शेष कार्यकर्ताओ का दुरुपयोग किया जा रहा है।
बल्कि कार्यकर्ताओं के दम पर ही उनकी टिनोपाल चमकती है। भाजपा के एक कार्यकर्ता ने दावे के साथ यह कहा कि अब पार्टी के अंदर मैं आ गया है जो मन करता है वह पार्टी करती है।वही हाल स्थानीय जनप्रतिनिधियों का है।यदि आने वाले लोकसभा चुनावों को बैलट पेपर से करा दिए जाएं तो निश्चित परिणाम अलग हटकर आएंगे। पार्टी के एक कार्यकर्ता ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जनपद महोबा में यदि हम विकास की बात करें तो आखिर महोबा में क्या विकास हुआ है। जनपद में सड़कों की हालात बद से बद्दतर हैं, शहर में प्रस्तावित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज का निर्माण अधर में लटका हुआ है,जनपद में मेडिकल कॉलेज का निर्माण नही हो सका,कुछ माह पूर्व डिप्टी सीएम द्वारा महोबा के लिए पीपीपी मॉडल हॉस्पिटल के निर्गत की गई राशि केवल हवाहवाई साबित हुई। काकुन सड़क अपनी दशा और दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है।उस क्षेत्र के लोग विकास को ढपोरशंख करार दे रहें हैं। यह नाराजगी केवल एक कार्यकर्ता की नही है बल्कि ऐसे तमाम कार्यकर्ता हैं जो पार्टी से व जनप्रतिनिधियों से असंतुष्ट है।केवल मजबूरी है कि हम पार्टी के लोग हैं।
अपनी नाराजगी खुलकर नही कर सकते अन्यथा कि स्थिति में पार्टी हमारा काम तमाम कर देगी।उक्त बात यदि विपक्षी पार्टी के लोगों एवं आमजनमानस द्वारा कही जाती तो अलग बात थी,यह होता कि विपक्षी पार्टी का काम ही होता है कमियां निकालना, यहां तो खुद ब खुद शाशन सत्ता के लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।