Sonebhadra: भूमाफियाओं का पुलिस कर रही समर्थन, बेटे सहित अधिवक्ता को झूठे मामले में फंसाने की रची साजिश।
थानाध्यक्ष व दो दरोगा 19 फरवरी को न्यायालय में तलब।
सोनभद्र ब्यूरो: जनपद में म्योरपुर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष को आईपीसी की धारा 504 , एससीएसटी और दो एसआई कविन्दर सिंह यादव व तेरसु सिंह यादव को आईपीसी की धारा 452 , 504 व एससीएसटी मामले में 19 फरवरी को तलब किया है। यह आदेश न्यायालय विशेष न्यायाधीश (एससीएसटी कोर्ट) ने एक अधिवक्ता के द्वारा दाखिल किए गए परिवाद पर दिया है।
पीड़ित अधिवक्ता गुलाब चन्द्र पुत्र सुमेर निवासी खैराही थाना म्योरपुर ने न्यायालय को बताया कि 14 जुलाई को स्थानीय थाना के दो दरोगा कविन्दर सिंह यादव और तेरसु सिंह यादव ने उसके घर के अन्दर घुस कर तलाशी लिया और कारण पूछने पर भद्दी-भद्दी गालियां दिया। इसके साथ ही पुलिस उसे थाने पर ले गयी तो वहां थानाध्यक्ष ने भी यह जानते हुए की वह अधिवक्ता है इसके बावजूद भी गाली दिया और उसके पुत्र द्वारा कच्ची शराब बनाने के आरोप में फंसाने की साजिश रचा गया। इसकी शिकायत 18 अगस्त को प्रमुख सचिव गृह और बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से किया।
पीड़ित अधिवक्ता ने बताया कि जब इसकी सच्चाई दुद्धी बार एसोसिएशन ने किया तो यह तथ्य सामने आया कि वन भूमि पर वनाधिकार के तहत पट्टा के लिए मिनजुमला आराजी संख्या 1298 मि एवं 1299 मि में किये गए दावे को वापस लेने को लेकर पुलिस यह साजिश एक भूमाफिया के इशारे पर रची थी। इसकी शिकायत 23 अगस्त को रजिस्टर्ड डाक से किया था।
बताते चले कि दुद्धी तहसील क्षेत्र में वनाधिकार के तहत सर्वाधिक पट्टे के दावे अभी भी लंबित है। जिसकी वजह से इस क्षेत्र में जमीनी विवाद अक्सर सामने आते रहते है जिसका लाभ स्थानीय पुलिस के दम भूमाफियाओं द्वारा गरीब आदिवासी जनजातियों की जमीनों पर कब्जा करने का होता है।