मऊ:प्रधानमंत्री आवास का पैसा डकार गए सेक्रेटरी साहब, डीएम ने किया निलंबित

विधान केसरी समाचार

मऊ। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में फर्जीवाड़ा कर पैसा हड़प करने के आरोप में ग्राम पंचायत अधिकारी रामचंद्र यादव ग्राम पंचायत अतरारी,विकासखंड व तहसील मोहम्मदाबाद गोहना को निलंबित करने के आदेश जिलाधिकारी ने बुधवार को दिया। साथ ही संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

ज्ञात हो कि तहसील मोहम्मदाबाद गोहना में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर जनसुनवाई के समय मुन्नीलाल पुत्र श्री श्यामा निवासी धरहरा ग्राम पंचायत अतरारी ब्लॉक एवं तहसील मोहम्मदाबाद गोहना द्वारा शिकायत की गई कि वर्ष 2022-23 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत था।आवास स्वीकृति के पूर्व बिचैलिए मनोज पुत्र बलिराम ने मुन्नीलाल का आधार कार्ड, बैंक पासबुक आदि कागजात लेकर अंगूठा का निशान लगाकर आवास की पूरी धनराशि निकाल लिया। जिलाधिकारी के निर्देश पर स्थलीय सत्यापन खंड विकास अधिकारी द्वारा की गई, जिसमें रुपए का भुगतान मुन्नी लाल के खाते में तो हुआ परंतु सीमेंट, ईंट मिट्टी, बालू आदि के नाम पर पूरा पैसा ले लिया गया जबकि मुनीलाल का ना तो मकान बना ना कोई भवन निर्माण सामग्री ही पाई गई। जबकि ग्राम पंचायत अधिकारी रामचंद्र यादव ने प्रथम किस्त के सापेक्ष नींव तक एवं द्वितीय किस्त के सापेक्ष छत स्तर तक तथा तृतीय किस्त के सापेक्ष पूर्ण आवास की फोटो प्रधानमंत्री आवास की साइट पर फर्जी अपलोड कर दिया गया।

ग्राम पंचायत अधिकारी के पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही एवं दलाल के माध्यम से आवास निर्माण के प्रत्येक स्तर की फर्जी फोटो पोर्टल पर अपलोड करने के दोषी पाए जाने पर जिलाधिकारी ने संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी को निलंबित करने के आदेश दिए। साथ ही मामला आपराधिक गतिविधि से जुड़े होने के कारण एफआईआर दर्ज कराने हेतु भी निर्देशित किया। इस मामले को देखते हुए जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत अधिकारियों से जुड़े कार्यों की जांच हेतु कम से कम तीन सदस्यीय टीम का चयन कर संदिग्ध ग्राम पंचायत अधिकारियों के संपूर्ण कार्यों की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को पारदर्शी ढंग से संचालित न करने पर संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए विभागीय कार्रवाई हेतु संस्तुति की जाएगी। इस तरह की टीमों का गठन उन्होंने समस्त विकास खंडों में करने के निर्देश दिए हैं, जिससे योजनाओं में पारदर्शिता लाई जा सके एवं भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।