Sonebhadra: गैंग लीडर अंगद केवट समेत तीन दोषियों को 10- 10 वर्ष की कैद।

10- 10 हजार रूपये अर्थदंड , अर्थदंड न देने पर एक एक माह की अतिरिक्त कैद।

राजेश पाठक/दिनेश पाण्डेय: अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/एफटीसी/सीएडब्ल्यू सोनभद्र परितोष श्रेष्ठ की अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए गैंग लीडर अंगद केवट , सदस्य मुन्नीलाल पनिका और सदस्य श्यामलाल पनिका को दोषसिद्ध पाकर 10- 10 वर्ष की कैद एवं 10- 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी। वहीं सामूहिक बलात्कार के मामले में संबंधित न्यायालय ने पूर्व में तीनों को आजीवन कारावास जीवन के अंतिम सांस तक के लिए और अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक प्रभारी निरीक्षक देवतानंद सिंह ने बीजपुर थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि तीन सितंबर 2021 को वे पुलिस बल के साथ देखभाल क्षेत्र में धरतीडांड में मौजूद था कि पता चला अंगद केवट पुत्र रामनरेश केवट निवासी धरतीडांड, थाना बीजपुर, जिला सोनभद्र का एक सक्रिय गैंग है, जिसका वह गैंग लीडर है। जिसके सक्रिय सदस्य मुन्नीलाल पनिका पुत्र रामभजन और श्यामलाल पनिका पुत्र रामकुंवर पनिका निवासीगण सिसवा झापर, थाना बभनी, जिला सोनभद्र हैं। इनलोगों ने 15 मई 2021 को मंगेतर के साथ दर्शन करने गई युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किए थे। लोगों में भय पैदा कर आर्थिक लाभ हेतु कार्य करना इनलोगो का एकमात्र कार्य है। यहीं वजह है कि इनके विरुद्ध कोई भी मुकदमा लिखवाने अथवा गवाही देने की जुर्रत नहीं करता है। जिसकी वजह से इनका वर्चस्व कायम है। इस तहरीर पर इनके विरुद्ध बीजपुर थाने में गैंगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज किया गया है। विवेचना के उपरांत पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक मनोज कुमार सिंह ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। इसी मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्को को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर यह पाया कि सामूहिक बलात्कार के मामले में 22 अगस्त 2023 को संबंधित न्यायालय ने तीनो को दोषसिद्ध पाकर आजीवन कारावास जीवन के अंतिम सांस तक के लिए और अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायालय ने दोषसिद्ध पाकर गैग लीडर अंगद केवट, मुन्नीलाल पनिका और श्यामलाल पनिका को 10- 10 वर्ष की कैद एवं 10- 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता गैंगस्टर कोर्ट धनंजय शुक्ला ने बहस की।