अमेठीः धोखाधड़ी करने पर धारा 420 नहीं, अब 318(4) में होगा केस दर्ज 

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  • एक जुलाई से थानों पर नई धाराओं में दर्ज होगा मुकदमा
  • आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता होगी लागू

विधान केसरी समाचार

अमेठी। एक दिन बाद ही अंग्रेजों के समय से चली आ रही भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (आईआरपीसी) पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। इसके स्थान पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) लागू हो जाएगी। इसके साथ ही पहले से प्रचलित मुकदमों की सभी धाराएं भी बदल जाएंगी। अब धोखाधड़ी करने पर थाने में धारा 420 नहीं बल्कि धारा 318(4) में मुकदमा दर्ज होगा। इसके लिए पुलिस अधिकारियों के साथ ही थानों पर तैनात मुंशियों को जरूरी प्रशिक्षण दे दिया गया है। अभी तक थानों से लेकर अदालतों तक में अंग्रेजों द्वारा 1860 में बनाई गई आईपीएस के तहत ही मुकदमें दर्ज हो रहे हैं और मुकदमों की सुनवाई होती चली आ रही है। अब आगामी एक जुलाई से आईपीएस की जगह बीएनएस लागू हो रही है। आईपीसी में जहां 511 धाराएं थीं वहीं बीएनएस में 358 धाराएं हैं। इसके साथ ही भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 भी लागू हो जाएगा। नई धाराओं के संबंध में जिले के सभी थानों के निरीक्षकों, उपनिरीक्षकों, मुख्य आरक्षी के साथ ही पुलिस कार्यालय के विभिन्न शाखाओं, प्रधान लिपिक, मानीटरिंग सेल, मीडिया सेल, वाचक कार्यालय, अपराध शाखा, डीसीआरबी, साइबर थाना के पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण देकर जरूरी जानकारी प्रदान की गई है।

           कुछ इस तरह से बदल गई हैं धाराएं

अपराध की पुरानी व नई धारा

हत्या 302 103(1)

हत्या का प्रयास 307 109

अपराधिक षड़यंत्र 120 बी 61(2)

गैर इरादतन हत्या 304 105

आत्महत्या का दुष्प्रेरण 306 108

अपहरण 363 137(2)

दुष्कर्म 376 64

डकैती 395 310(2)

धोखाधड़ी 420 318(4)

सात साल से अधिक सजा में फारेंसिक रिपोर्ट अनिवार्य

अपराध के ऐसे मामले जिसमें सात साल से अधिक सजा का प्रावधान है उसमें घटना स्थल से डिजिटल साक्ष्य व फारेंसिक जांच करना अनिवार्य कर दिया गया है। घटना स्थल पर एक फारेंसिक वैन भेजी जाएगी। साथ ही वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी कराई जाएगी। हालांकि इसे नया कानून लागू होने से पांच साल के अंदर हर हाल में पालन करना होगा। वहीं एक जुलाई से नई धाराओं में मुकदमा दर्ज होना भले ही शुरू हो जाएगा। लेकिन 30 जून तक दर्ज सभी मुकदमों की सुनवाई अदालतों में पुरानी धाराओं में ही होगी।

एक जुलाई से सभी थानों पर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके लिए थानों पर सारी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। साथ ही पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।

अनूप सिंह, पुलिस अधीक्षक अमेठीं