प्रतापगढः भयहरणनाथ धाम में निहित स्वार्थ के लिए कोई स्थान नही- प्रबन्ध समिति

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विधान केसरी समाचार

प्रतापगढ़। जिले के प्रसिद्ध पांडव कालीन भयहरणनाथ धाम में प्रबन्ध संस्था भयहरणनाथ धाम क्षेत्रीय विकास संस्थान की प्रबन्ध समिति की बैठक श्री श्री रविशंकर ज्ञान मन्दिर में स्थित प्रशासनिक कार्यालय में हुई। बैठक में तय हुआ कि प्रबन्ध समिति द्वारा जन सहयोग तथा लोक भागीदारी से प्रशासनिक कार्यालय का जीर्णोद्धार 15 नवम्बर से प्रारम्भ किया जायेगा। प्रबन्ध समिति सदस्यों ने स्पष्ट किया कि धाम में सार्वजनिक तथा सामाजिक धार्मिक महत्व का स्थान है यहां स्वार्थ व लोभ तथा निजी हित का कोई महत्व नही है सभी भक्त व कार्यकर्ता निस्वार्थ भाव से ही अपनी सेवायें दें।

बाबा भयहरणनाथ धाम में हुई बैठक की अध्यक्षता कार्यवाहक अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष लाल जी सिंह ने किया तथा संयोजन व संचालन धाम के महासचिव समाज शेखर ने किया। नगर पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि के रूप में अखिल प्रताप सिंह ने प्रतिभाग किया। बैठक में सबसे पहले चर्चा हुई कि प्रशासनिक परिसर में स्थित कार्यालय की दशा काफी जर्जर है जिसे महाशिवरात्रि से पूर्व ठीक किया जाना नितांन्त आवश्यक है। अतिथि गण व सुरक्षाकर्मी तथा अन्य कार्य संचालन हेतु यही एक स्थान है। गहन विचारोपरान्त तय हुआ कि 15 नवम्बर से उक्त पुनीत कार्य प्रारम्भ किया जाए। जिसके क्रियान्वयन हेतु कार्यवाहक अध्यक्ष लालजी सिंह के संयोजन में उपाध्यक्ष प्रशासन बबन सिंह, उपाध्यक्ष कार्यक्रम उमाकान्त पाण्डेय, उपाध्यक्ष संगठन डा0 अमर बहादुर सिंह तथा प्रबन्ध समिति सदस्य प्रभाकर पाण्डेय व शत्रुघ्न सिंह को जिम्मेदारी दी गई। सचिव के रूप में उपाध्यक्ष वित एवं लेखा राजीव नयन मिश्र को जिम्मेदारी दी गई। समन्वय व सहयोग हेतु कार्यालय प्रभारी संजीव मिश्र को जिम्मेदारी दी गई। तय हुआ कि उक्त कार्य हेतु संस्था के खाते में ही सहयोग राशि ली जायेगी। जिसमें सभी सदस्य तथा क्षेत्रीय भक्त गण अपना आर्थिक व संसाधन का सहयोग कर सकेगें। महासचिव समाज शेखर को जिम्मेदारी दी गई की उक्त कार्य की नियमानुसार योजना बनाकर सार्वजनिक रूप से जनसहयोग तथा लोकभागीदारी हेतु दिशा निर्देश 30 अक्टूबर तक अवश्य जारी कर दें जिससे जन सामान्य जागरूक हो अपनी भूमिका निभा सके। उपस्थित सदस्यों ने अपनी अपनी सहयोग राशि व संसाधन का सार्वजनिक रूप से घोषित कर संकल्प व्यक्त किया।

बैठक में आगामी महाशिवरात्रि के पर्व पर होने वाले 25 वें महाकाल महोत्सव के आयोजन पर चर्चा हुई। तय हुआ कि रजत जयन्ती वर्ष होने तथा कुम्भ मेला के दृष्टिगत इस बार भव्यता के साथ 25वें महाकाल महोत्सव का आयोजन होगा। जिसमें सरकारी तथा गैर सरकारी विभागों व स्थानीय संस्थाओं के सहयोग से भव्य मेला व महोत्सव आयोजित होगा। इस सम्बन्ध में सभी पहलुओं पर सम्यक विचार करके जल्द प्रभावी कदम उठाने का निर्णय हुआ। प्रबन्ध समिति सदस्यों ने अवगत कराया कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व धाम की गतिविधियों में निरन्तर अनाधिकार प्रयास कर रहे है। जिस पर सर्वसम्मति से तय हुआ कि ऐसे तत्वों को चिन्हित कर पुलिस के माध्यम से आवश्यक कार्यवाही की जाए। आवश्यकतानुसार स्थानीय समाज की भी भागीदारी की जाए। धाम की सम्पूर्ण प्राचीन व वर्तमान भूमि को राजस्व विभाग के माध्यम से भौतिक रूप से उपलब्धता हेतु आवश्यक कार्यवाही हेतु महासचिव को अधिकृत किया गया। वहीं कार्यालय प्रभारी संजीव मिश्र द्वारा बताया गया कि कुछ फर्जी संस्थाएं व व्यक्ति व व्यवसायिक संगठन धाम के नाम का अनाधिकार लाभ लेने हेतु अपना निजी बैनर धाम में मुख्य मन्दिर सहित कही भी लगा देते हैं। आपस में विवाद भी करते हैं। ऐसे में तय हुआ कि सरकारी, नगर पंचायत तथा प्रबन्ध संस्था के अलावा निजी व व्यवसायिक बैनर धाम परिसर में नही लगाए जायेगें। जिसके सम्बन्ध में पूर्व में भी निर्णय हुए है। धार्मिक आयोजन के बैनर पूर्व निर्धारित स्थल पर लगेगें। नगर पंचायत तथा स्थानीय पुलिस चैकी के साथ समन्वय स्थापित कर सभी व्यवस्थाएं सुचारू संचालन किया जाना तय हुआ।

बैठक के अन्त में धाम से जुडे प्रमुख युवा कार्यकर्ता सूरज सिंह के आकस्मिक निधन तथा संरक्षक सेठ राजा राम अग्रहरि के निधन पर दुख प्रकट करते हुए दो मिनट का मौन रखकर विनम्र श्रद्धांजलि दी गई।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से डा0 बीरेन्द्र सिंह, उपाध्यक्ष प्रशासन बबन सिंह, उपाध्यक्ष कार्यक्रम उमाकान्त पाण्डेय, उपाध्यक्ष वित एवं लेखा राजीव नयन मिश्र डा0 अमर बहादुर सिंह अनिल मिश्र सोनू, डा0 बृजेश सिंह, गुरू ओम मिश्र, श्रवण सिंह, बुद्धि प्रकाश द्विवेदी, अरविन्द प्रताप सिंह, उमाकान्त पाण्डेय, प्रभाकर पाण्डेय, तेज बहादुर सिंह, शत्रुघन सिंह, यथार्थ शेखर व कार्यालय प्रभारी संजीव मिश्र नीरज आदि मौजूद रहे।