प्रतापगढः भगवान की अमृत कथा में है धर्म का शाश्वत शंखनाद-आचार्य आनन्द शुक्ल
विधान केसरी समाचार
लालगंज/सांगीपुर/प्रतापगढ़। सांगीपुर क्षेत्र के आमीशंकरपुर में हो रही श्रीमद् भागवत कथा में रविवार को श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण की बाललीला का प्रसंग सुन ज्ञानगंगा में गोते लगाये। कथाव्यास आनन्द शुक्ला जी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला धर्म का शंखनाद है। उन्होंने बताया कि भगवान द्वारिकाधीश ने धर्म के पथ को विचलित बनाने वाली आसुरी शक्तियों का संहार कर पाप पर पुण्य की विजय का इन लीलाओं में पथ प्रदर्शन किया है। कथा व्यास आनन्द जी ने कहा कि भगवान सर्वत्र विराजमान हैं।
उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन में क्षण क्षण के कृत्य का भगवान स्वयं आकलन करते रहते हैं। कथा व्यास ने श्रद्धालुओं से कहा कि मृत्युलोक में लोभ तथा प्रपंचना से बचते हुए अपने अमूल्य समय का सदुपयोग कृष्णनाम जाप में करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भक्त की भक्ति निर्मलता में ही प्रभु की शरण पाया करती है। कथा व्यास ने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता के उपदेश जीवन के सुफल सिद्धान्त का अलंकरण हैं। कथा के दौरान कृष्ण नाम संकीर्तन से भी श्रद्धालु मंत्रमुग्ध दिखे। कथा के संयोजक शीतला प्रसाद पाण्डेय व इंदु देवी ने व्यास पीठ का पूजन अर्चन किया। सहसंयोजक अजय पाण्डेय व सुरभि ने मंगल आरती उतारी। इस मौके पर डाॅ. सौरभ मिश्र, लीना तिवारी, शिव प्रसाद पाण्डेय, प्रमोद सिंह, बजरंग सिंह, अधिवक्ता सतीश उपाध्याय, यशवंत यादव, सरसरी मिश्र, शैलेन्द्र सरोज, विपिन सिंह, अनीता तिवारी, अशोक पाण्डेय, अनिल पाण्डेय, अरविन्द पाण्डेय, संगीता पाण्डेय, अंश तिवारी, अक्षयनंदन पाण्डेय, राजेश दुबे आदि रहे।