जगदीशपुर: मंगौली एएनएम सेंटर में स्वास्थ्य सेवाओं का संकटः ग्रामीण महिलाओं को हो रही कठिनाइयाँ

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विधान केसरी समाचार

जगदीशपुर/अमेठी। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए स्थापित एएनएम (आधिकारिक नर्स मिडवाइफ) सेंटर अब जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं। मंगौली ग्राम सभा में स्थित एएनएम सेंटर जो तीन दशक पहले स्थापित किया गया था, अब पूरी तरह से खस्ता हो चुका है। यह सेंटर पहले काफी सक्रिय था, जहां डोमड़ीह, परवेजपुर और मंगौली ग्राम सभाओं के एएनएम स्टाफ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते थे। लेकिन अब यह सेंटर उन जरूरी सुविधाओं को प्रदान करने में सक्षम नहीं है। इसके कारण गांव की महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चार से पाँच किलोमीटर दूर जगदीशपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) जाना पड़ता है, जो उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए अतिरिक्त जोखिम पैदा करता है।

इस सेंटर की बिगड़ती हालत के कारण, एएनएम स्टाफ यहाँ निवास करने से कतरा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता ने ग्रामीण महिलाओं की समस्याओं को बढ़ा दिया है। महिलाएं टीकाकरण, प्रसव पूर्व और प्रसव पश्चात सेवाओं के लिए दूर-दराज के स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्भर रहने को मजबूर हैं। समाज सेवी गंगेश पाठक, पूर्व प्रधान चंद गोपाल और अन्य ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर कई बार प्रशासन से शिकायत की है। 2014-15 में तत्कालीन अधीक्षक जीए खान के समय में इस सेंटर की जर्जर स्थिति को लेकर शिकायत की गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके बाद डॉ. महेंद्र तिवारी और वर्तमान में डॉ. प्रदीप तिवारी ने इस सेंटर की स्थिति की अनदेखी की है। 2015 में ग्रामीणों ने पूर्व विधायक राधेश्याम धोबी को इस सेंटर के मरम्मतीकरण के लिए आवेदन दिया था, जो संबंधित अधिकारियों तक भेजा गया था। बावजूद इसके, आज तक न तो किसी अधिकारी ने सेंटर का निरीक्षण किया और न ही किसी ठोस कदम की दिशा में कार्यवाही की गई। इन तीन ग्राम सभाओं की महिलाएं आज भी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दूर-दराज के केंद्रों पर निर्भर रहने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का आह्वान है कि अमेठी की महिला जिला अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस एएनएम सेंटर का निरीक्षण करें, और इसके मरम्मतीकरण के कार्य को शीघ्र शुरू करें, ताकि ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अन्य स्थानों पर निर्भर न रहना पड़े, और वे घर के पास ही चिकित्सा सेवाएं प्राप्त कर सकें।