दिनेश पाण्डेय ब्यूरो सोनभद्र
सोनभद्र। उक्त कार्यक्रम एमएसएमई विभाग, भारत सरकार, नेहरू युवा विभाग केंद्र, वाराणसी, जिला प्रशासन वाराणसी, एवं जनजातीय शोध एवं विकास संस्थान वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया I
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ ऐश्वर्या राt लक्ष्मी-जिला समाज कल्याण विभाग (विकास), वाराणसी रही I सर्वप्रथम बिरसा मुंडा के मूर्ति पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर गौरव दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ ऐश्वर्या राज लक्ष्मी ने कहा कि आदिवासी समाज की विकास के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है, शिक्षा की ताकत हमें बहुत आगे तक लेकर जाएगी । उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासियों के योगदान को इस देश में भुलाया नहीं जा सकता क्योंकि आजादी की लड़ाई की प्रथम बीज आदिवासियों द्वारा बोया गया, जिसके परिणाम से गुलामी के जंजीरों में से हम जीत पाए हैं ।हमारा विभाग आदिवासी समाज के लिए जनपद वाराणसी में निरंतर कार्यरत है, विभाग द्वारा जनजाति समाज के बच्चों को अनेक योजनाओं के माध्यम से उनका शैक्षणिक, सामाजिक आर्थिक उत्थान किया जा रहा है, पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति, निशुल्क पुस्तक, साइकिल, यूनिफार्म आदि अन्य योजनाओं से लगातार लाभान्वित किया जा रहा है।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि आर. के. चौधरी-निदेशक एमएसएमई, चांदपुर भारत सरकार, वाराणसी ने क्रांतिवीर भगवान बिरसा मुंडा के चरणों में नमन करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा की राष्ट्र निर्माण की सोच से हमारा विभाग आदिवासी समाज के आर्थिक मजबूती के लिए निरंतर कार्यरत है I अनेक स्किल प्रोग्राम के माध्यम से विभाग द्वारा जनजाति समाज के लोगों को लाभान्वित किया जाता है I जिसके लिए कोई भी जनजाति समाज का बच्चा किसी भी कार्य दिवस में आकर निशुल्क प्रशिक्षण की पंजीकरण करा सकता है I
कार्यक्रम में जिला उद्योग केंद्र के असिस्टेंट मैनेजर संजीव कुमार सिंह ने बताया कि गौरव दिवस जनजातियों के लिए ही नहीं संपूर्ण देश के लिए गौरव की बात है और बिरसा मुंडा जैसे लोग हमारे भारत देश में पैदा हुए इसके लिए हमें गर्व होती है I बिरसा मुंडा जैसे महानायक ने देश से अंग्रेजों को भगाने में अहम भूमिका निभाई I इस गौरव दिवस के अवसर पर मैं आशा करता हूं कि आदिवासी समाज नशाखोरी, अंधविश्वास और अशिक्षा जैसे कुरितियों को दूर करते हुए अपने विकास की ओर अग्रसर होंगे I
कार्यक्रम में नीतीश गौर-टेक्सटाइल इंस्पेक्टर हैंडलूम डिपार्मेंट, वाराणसी ने कहा कि बनारस की पहचान मुख्य रूप से बनारसी साड़ी से होता है, जिसमें जनजाति समाज का अपना एक विशेष योगदान है ।इस अवसर पर बलिराम, अमित कुमार, महेंद्र प्रसाद, हर्ष कुमार, संत लाल भारतीय, संदीप कुमार, रविन्द्र कुमार,राज कुंवर, अमन कुमार अंशुं गोंड, आदित्य कुमार, विकास कुमार, शुशीला पटेल, संगीता, पूजा, मीना देवी गोंड आदि के साथ जनपद के सैकड़ो लोग उपस्थित रहें I गौरव दिवस कार्यक्रम का संचालन पंजक शर्मा जी ने लिया।