प्र्रयागराजः रामायण हमारे संस्कृति का मूल आधार और रामायण मेला जीने की कला सिखाती है-न्यायमूर्ति सुधीर नारायण
विधान केसरी समाचार
प्र्रयागराज। कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी 11से 15 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा देव दिपावली तक रामायण मेला आयोजन समिति श्रृंगवेरपुर धाम द्वारा जिला पर्यटन संस्कृति परिषद प्रयागराज उ.प्र. पर्यटन विभाग लखनऊ के सहयोग से राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं विश्व शांति को समर्पित पंचदिवसीय राष्ट्रीय रामायण मेला का भव्य समापन श्रीराम कथा एवं विद्वत सम्मेलन के साथ संपन्न हुआ।
समापन समारोह में गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अध्योछजानन्द देव तीर्थजी महाराज वतौर मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि प्रभु श्री राम ज्ञान, भक्ति और त्याग की प्रतिमूर्ति थे रामलीला सुख और मोक्ष का आधार है। अतिथियों का स्वागत राष्ट्रीय रामायण मेला के अध्यक्ष डॉ.बालकृष्ण पांडे, उपाध्यक्ष सियाराम सरोज, संयुक्त मंत्री अमित द्विवेदी, सुशील कु. पांडे, राकेश कु.त्रिपाठी आदि ने किया। समापन समारोह की शुरुआत दंडी स्वामी विनोदानंद सरस्वती महाराज के श्रीराम कथा से हुई जिसमें विद्वान आचार्य कृष्णमूर्ति त्रिपाठी, आचार्य राजेश शुक्ला, परमानंद महाराज, छत्तीसगढ़ से पधारी शकुंतला व जगतगुरु रामानुजाचार्य नारायणाचार्य शांडिल्य महाराज, निषाद राज पीठाधीश्वर माधवदास महाराज, तीर्थ पुरोहित समाज के अध्यक्ष काली सहाय त्रिपाठी ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए ।
समारोह की अध्यक्षता उच्च न्यायालय प्रयागराज के पूर्व न्यायमूर्ति सुधीर नारायण ने की तथा कहा की रामायण हमारे संस्कृति का मूल आधार है और रामायण मेला जीने की कला सिखाता है। सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के मीडिया प्रभारी रवीन्द्र कुशवाहा ने यह खबर मीडिया को दी। समारोह का सफल संचालन राष्ट्रीय रामायण मेला के महामंत्री उमेशचंद्र द्विवेदी ने किया इस अवसर विशेष पर पूर्व सांसद प्रवीण निषाद, अधिवक्ता बलराम सिंह, श्रृंगवेरपुर धाम के अध्यक्ष कृष्णचंद्र पांडे, पूर्व प्रधानाचार्य राजमणि शास्त्री, प्रो.भृगु कुमार मिश्र, आशीष केसरवानी, आलोक त्रिपाठी, ओमप्रकाश द्विवेदी, अनिल कु.द्विवेदी, अंगद, प्रो.राजेश पांडे ,इंजीनियर उमेश शर्मा, आरोग्य भारती के डॉ अजय मिश्रा सहित सैंकड़ों गणमान्यलोग उपस्थित थे।