Sonebhadra: फायर विभाग की टीम ने जिला अस्पताल,समेत एलटू,ब्लड बैंक जांच में पाया कि बिना एनओसी के संचालित हो रहे हैं हॉस्पिटल ,जिमेदार मौन।

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दिनेश पाण्डेय(ब्यूरो)

झांसी मेडिकल कालेज में 11 बच्चो की मौत के बाद सभी के हाथ पांव फुले जांच में बहुत जगहों पर नही मिला रहा है फायर की एनओसी।

सोनभद्र। जिला अस्पताल प्रशासन मरीजों की जान से खिलावाड़ कर रही है। जिला अस्पताल,ब्लड बैंक,एलटू में बिना फायर एनओसी के ही संचालित हो रहा है।मंगलवार व बुद्धवार को फायर सेफ्टी ऑडिट करने जिला अस्पताल पहुँचे मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने जिला अस्पताल की आग बुझाने की व्यवस्थाओं को चेक किया तो व्यवस्था ठीक नही मिली ।
झाँसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी है। रोजाना जिला अस्पताल में हजारों की सख्या में मरीज आते हैं फायर अनुमति को दरकिनार कर संचालित हो रहा है। अग्निकांड की स्थिति में यहाँ झांसी के अस्पताल से भी ज्यादा भयावह स्थिति होगी। मुख्य अग्निशमन अधिकारी श्रीराम साहनी और करन सिंह यादव ने जिला अस्पताल पहुँच फायर सेफ्टी ऑडिट किया था। फायर फाइटिंग के इंतजाम नही हैं। यहाँ न तो फायर एलार्म लगाया गया है और ना ही इमरजेंसी द्वार बनाये गए हैं साथ ही NICU के बाहर और ICU में रखे ऑक्सीजन सिलेंडर को तत्काल वहाँ से हटवाने के लिए निर्देशित किया गया।एकही जगह रखा गया था। वही अग्नि समन अधिकारी ने कहा कि हमने अपने निरीक्षण में यह पाया कि इतना बड़ा हॉस्पिटल में कोई व्यवस्था नही है।इसी के क्रम में बुद्धवार को जिला अस्पताल,ब्लड बैंक,व एलटू में कोई एनओसी नही है।
फायर विभाग की टीम के साथ मेडिकल कालेज प्रिंसिपल,प्राइवेट हॉस्पिटल नोडल कृति आजाद बिंद, चंचल यादव,मौजूद रहे।