प्रतापगढः परियोजनाओं के निर्माण कार्यो में गुणवत्ता का रखें ध्यान, अन्यथा होगी कार्यवाही-जिलाधिकारी

0

विधान केसरी समाचार

प्रतापगढ़। जनपद में जिलाधिकारी संजीव रंजन की अध्यक्षता में बुधवार को कैम्प कार्यालय सभागार में रूपये 50 लाख से अधिक लागत के कार्योध्परियोजनाओं की समीक्षा की गयी। बैठक में उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद के द्वारा कराये जा रहे कार्यो की समीक्षा की गयी जिसमें आईटीआई जरियारी का कार्य पूर्ण होने पर उसे हैण्डओवर करने का निर्देश दिया गया। आवासीय एवं अनावसीय भवनों लीलापुर, दिलीपपुर, देल्हूपुर के निर्माण कार्य की प्रगति धीमी पायी गयी। आईटीआई पट्टी, पुलिस चैकी, थानों में बैरक एवं विवेचना कक्ष के निर्माण आदि की समीक्षा की गयी एवं निर्देशित किया गया कि निर्माण कार्यो की प्रगति में तेजी लायी जाये। जल जीवन मिशन के कार्यो की समीक्षा की गयी जिसमें पाया गया कि पाइप्ड पेयजल योजना के कार्यो की प्रगति धीमी है जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुये सहायक अभियन्ता सुग्रीव सिंह को निर्देशित किया कि कार्यो की प्रगति में सुधार लायें, लापरवाही कदापि न बरती जाये। सेतु निर्माण विभाग के कार्यो की समीक्षा में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सेतुओं के निर्माण कार्य की गुणवत्ता का समय-समय पर निरीक्षण करते रहे एवं निर्धारित समय के अन्दर सभी सेतु निगम की परियोजनाओं को पूर्ण कराया जाये।

इसी प्रकार जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल, यूपीआरएनएसएस, ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग, सीएनडीएस आदि के निर्माण कार्यो की बिन्दुवार समीक्षा की। जिलाधिकारी ने जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी को निर्देशित किया कि 5 करोड़ के ऊपर की परियोजनाओं के निर्माण कार्यो की नोडल अधिकारी नामित कर जांच करायी जाये। समीक्षा के दौरान पाया गया कि कई परियोजनाओं का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और पैसा मिलने के बावजूद भी विद्युत विभाग द्वारा विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण न होने से परियोजनायें हैण्डओवर नही हो पा रही है जिस पर जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित विद्युत विभाग के अधिशासी अभियन्ता पर नाराजगी व्यक्त करते हुये निर्देशित किया कि सभी पूर्ण परियोजनाओं पर दिसम्बर माह में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया जाये। समीक्षा में पाया गया कि सड़कों के चैड़ीकरण के दौरान जो पोल बीच सड़क पर है अभी तक उनको शिफ्ट नही किया गया है, जिस पर जिलाधिकारी ने विद्युत विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि जल्द से जल्द पोल शिफटिंग का कार्य पूर्ण करा लिया जाये, यदि कोई दुर्घटना घटित होती है तो उसकी जिम्मेदारी विद्युत विभाग की होगी।

बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि परियोजनाओं के कार्यो में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये, ठेकेदारों के कार्यो की नियमित मानीटरिंग की जाये, निर्माणपरक कार्यो में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाये, यदि किसी भी स्तर पर गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं पायी जाती है तो सम्बन्धित अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि निर्माण कार्यो को लम्बित कदापि न रखा जाये, सभी परियोजनाओं का कार्य निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत मानक के अनुरूप गुणवत्ता सहित पूर्ण किया जाये। उन्होने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि जिन परियोजनाओं का कार्य पूर्ण हो जाये उसे यथाशीघ्र सम्बन्धित विभाग को हैण्डओवर किया जाये इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डा0 दिव्या मिश्रा, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी प्रियंका सोनी सहित सम्बन्धित अधिकारी व कार्यदायी संस्थाओं के प्रोजेक्ट मैनेजरध्प्रतिनिधि उपस्थित रहे।