पेगासस स्पाइवेयर मामले का फैसला साबित करता है कि अवैध स्पाइवेयर रैकेट में भारतीयों के 300 वॉट्सऐप नंबरों को कैसे निशाना बनाया गया-रणदीप सुरजेवाला

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पेगासस स्पाइवेयर मामले को लेकर एक बार फिर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा है. दरअसल, हाल ही में अमेरिका की एक अदालत ने इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप को दोषी माना है.

यह मामला 2019 से जुड़ा है, तब वॉट्सऐप ने 2019 में NSO ग्रुप पर आरोप लगाया था कि उसने वॉट्सऐप के एक बग का फायदा उठाकर पेगासस स्पाइवेयर के जरिए 1400 लोगों के फोन को हैक किया था. भारत में भी पेगासस और वॉट्सऐप का मामला चल रहा है.

जैसे ही इस मामले में यूएस कोर्ट का आदेश आया, वैसे ही कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार की तीखी आलोचना की. उन्होंने कहा, “अदालत के फैसले से उन आरोपों को बल मिलता है कि भारत में 300 नंबरों को निशाना बनाया गया था.”

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, सुरजेवाला ने कहा, “पेगासस स्पाइवेयर मामले का फैसला साबित करता है कि अवैध स्पाइवेयर रैकेट में भारतीयों के 300 वॉट्सऐप नंबरों को कैसे निशाना बनाया गया.” उन्होंने केंद्र से सवाल पूछे, “जिन 300 नामों को निशाना बनाया गया है, वे कौन हैं! दो केंद्रीय मंत्री कौन हैं? तीन विपक्षी नेता कौन हैं? संवैधानिक अधिकारी कौन है? पत्रकार कौन हैं? व्यवसायी कौन हैं?” कांग्रेस नेता ने पूछा, “भाजपा सरकार और एजेंसियों ने कौन सी जानकारी हासिल की? इसका किस तरह से इस्तेमाल किया गया. क्या अब मौजूदा सरकार में राजनीतिक कार्यकारी/अधिकारियों और एनएसओ के स्वामित्व वाली कंपनी के खिलाफ उचित आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे?”

सुरजेवाला ने आगे पूछा कि क्या सुप्रीम कोर्ट मेटा बनाम एनएसओ में अमेरिकी अदालत के फैसले पर ध्यान देगा? “क्या सुप्रीम कोर्ट 2021-22 में पेगासस स्पाइवेयर पर तकनीकी विशेषज्ञों की समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करेगा? क्या सुप्रीम कोर्ट अब भारत के 300 सहित 1,400 वॉट्सऐप नंबरों को निशाना बनाने की पुष्टि करने वाले फैसले के मद्देनजर आगे की जांच करेगा? क्या सुप्रीम कोर्ट अब पेगासस मामले में न्याय के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए मेटा से 300 नाम खुद को सौंपने के लिए कहेगा?”

वॉट्सऐप ने 2019 में एनएसओ पर मुकदमा दायर किया था, जिसमें निषेधाज्ञा और हर्जाने की मांग की गई थी, जिसमें कंपनी पर छह महीने पहले पीड़ितों के उपकरणों पर पेगासस स्पाइवेयर स्थापित करने के लिए वॉट्सएप सर्वर तक पहुंचने का आरोप लगाया गया था. मुकदमे के अनुसार, इस घुसपैठ के जरिए कंपनी ने करीब 1,400 लोगों पर नज़र रखी. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 दिसंबर को एक अमेरिकी न्यायाधीश ने वॉट्सऐप के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें इजरायल के एनएसओ समूह पर अनधिकृत निगरानी को स्पाइवेयर स्थापित करने के लिए मैसेजिंग ऐप में कमजोरी का फायदा उठाने का आरोप लगाया गया था.