ऑस्ट्रेलिया टी-20 लीग की कर रहे थे सट्टेबाजी, दिल्ली के करोल बाग में पकड़ा गया गैंग
दिल्ली पुलिस ने ऑस्ट्रेलिया में हो रही ‘बिग बैश टी20 लीग’ पर अवैध सट्टेबाजी गिरोह संचालित करने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बताया कि यह गिरोह करोल बाग स्थित एक अपार्टमेंट से काम कर रहा था। उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान दिल्ली निवासी राजू वैष्णव, जाग्रत सैहनी, परवेस कुमार और उत्तर प्रदेश के आगरा निवासी योगेश तनेजा, तरूण खन्ना, हरविंदर देओल तथा राजस्थान के मूल निवासी मनीष जैन, कुशल और गौतम दास के रूप में की गई।
पुलिस के अनुसार, आरोपी लैपटॉप और मोबाइल फोन के जरिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सट्टा लगाने का काम कर रहे थे। वे खासतौर पर बिग बैश लीग के मैचों के दौरान लाइव स्कोर और ऑड्स का इस्तेमाल कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने फर्जी खातों और तकनीकी साधनों का उपयोग किया। सट्टेबाजी रैकेट को ऑपरेट करने के लिए उन्होंने एक नेटवर्क तैयार किया था, जो दिल्ली और अन्य राज्यों में फैला हुआ था। यह नेटवर्क मुख्य रूप से हाई-प्रोफाइल लोगों और बड़े सट्टेबाजों को टारगेट करता था।
डिप्टी पुलिस कमीश्नर संजय कुमार सैन ने बताया कि उन्हें राजू और उसके साथियों द्वारा करोल बाग के जोशी रोड से संचालित हो रहे गिरोह के बारे में सूचना मिली थी। उन्होंने बताया कि सूचना के आधार पर शनिवार सुबह करीब 11.30 बजे जोशी रोड स्थित एक फ्लैट पर छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि फ्लैट में तीन कमरे थे और उसमें राजू सहित 10 लोग रहते थे जहां वे लाइव मैच के दौरान लैपटॉप और मोबाइल फोन पर सट्टा लगाते पाए गए।
पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह गिरोह बिग बैश लीग 2024-25 में होबार्ट हरिकेंस और पर्थ स्कॉर्चर्स के बीच होने वाले सातवें टी20 मैच पर सट्टा लगा रहा था, जो सुबह 10.30 बजे शुरू हुआ था। अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि गिरोह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से काम करता था। ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए जाग्रत ने एक सट्टेबाजी वेबसाइट से मास्टर आईडी खरीदी थी।
डिप्टी पुलिस कमीश्नर ने बताया कि ग्रुप ऑफलाइन सट्टे स्वीकार करता था और उन्हें नोटपैड पर दर्ज करता था। उन्होंने बताया कि राजू ने यह फ्लैट 45,000 रुपये प्रति माह किराए पर लिया था।