मीरगंज: सड़क पर फिसलन, स्कूल वैन फिसलकर खाई में पलटी, बाल बाल बचे बच्चे, मची चीख पुकार, जेसीबी से निकाली गई वैन
विधान केसरी समाचार
मीरगंज। ईंट भटठे के लिए ईंट बनाने हेतु खेतों से ढ़ोई जा रही मिटटी इस कदर सड़क पर गिरी हुई थी कि रात की बूंदा बांदी सड़क पर फिसलन होने से एक बच्चों से भरी स्कूल की वैन फिसलकर खाई में जा पलटी जिससे स्कूली बच्चे बाल बाल बच गये। लेकिन चीख पुकार मच गई। जिसे ग्रामीणों की मदद और जेसीबी से निकाला गया।
जानकारी के मुताबिक गांव सिंधौली और सैजना के मध्य फौजी ईंट भटठा संचालित है। इसी ईंट भटठे हेतु ईंट बनाने हेतु खेतों से ट्रालियों के माध्यम से खुदान कर मिटटी के ढेर बना लिए जाते हैं। इन्हीं मिटटी लदी टै्रक्टर ट्रालियों से गिरकर सड़क मार्ग मिटटी काफी तादात में गिरी हुई थी। विगत रात्रि दौरान हुई बूंदा बांदी भरी वारिस से सिंधौली और सैजना के मध्य सड़क पर बुरी तरह की फिसलन हो गयी थी। सुबह के समय धामपुर बायो आर्गेनिक्स लि0 शुगर के समीप संचालित संचालित पटेल एकेडमी स्कूल की वैन गांव हल्दी कला, म्यूढ़ी और संग्रामपुर से स्कूल में पढ़ने वाले 07 बच्चों को लेकर स्कूल के लिए आ रही थी। वैन को चालक आदेश पाण्डेय चला रहा था। स्कूली वैन फौजी ईंट भटठे से कुछ दूरी पर सिंधौली-सिहौर मार्ग पर बुरी तरह से फिसल गयी और खाई में जा पलटी। और बच्चों की चीख पुकार मच गई। गनीमत रही स्कूली वैन धीमी गति स ेचल रही थी और चालक ने सूझबूझ का परिचय दिया वरना बड़ा हादसा हो सकता था। और कोई बच्चा जख्मी नहीं हुआ। इतना जरूर घटना स्थल पर देखने हेतु पहुंचने वाले राहगीर फिसल कर खूब गिरते दिखाई दिये। खाई में पलटी वैन को ग्रामीणों और जेसीबी की मदद से खाई से निकाला। लेकिन वैन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी।
पुलिस एवं प्रशासन और ईंट भटठा मालिक नहीं देते इस ओर कोई ध्यान
गांव सिंधौली और सैजना के मध्य संचालित फौजी ईंट उद्योग के लिए वाहनों से ढ़ोई जाने वाली मिटटी का सड़क पर गिरने का सिलसिला एक दिन का नहीं है। यह तो काफी दिनों पहले से ही सिलसिला चल रहा था और इसी मार्ग से पुलिस एवं प्रशासन भी वाहनों से गुजरता रहा है। परंतू सड़क पर मिटटी होने से बरसात में होने वाली फिसलन से हादसे होने के अंदेशा को पुलिस प्रशासन भी अनदेखा करता रहा। और कफी ईंट भटठा मालिक को भी नहीं चेताया। यदि प्रशासन ने चेताया होता तो यह हादसा टल सकता था। ऐसा भी नहीं कि क्षेत्र में यही एक ईंट भटठा हो ऐसे और भी तमाम ईंट भटठे हैं जिनके लिए ढोई जाने वाली मिटटी अन्य मार्गों पर भी देखी जा सकती है। लेकिन प्रशासन इस मामले पर कोई ध्यान नहीं देता। जिससे कि कोई हादसा न हो।