कन्नौजः अरदास और भजन-कीर्तन के बाद लोगों ने छका लंगर प्रसाद
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छिबरामऊ/कन्नौज। नगर के गुरुद्वारा में सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह का प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया गया। अरदास और भजन-कीर्तन के बाद लोगों ने लंगर प्रसाद छका। इस अवसर पर पालिकाध्यक्ष मनोज दुबे ने अरदास की और कहा सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी खालसा पंथ के संस्थापक थे। उनके बारे में कहा जाता है श्सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज लड़ाऊं, तब गुरु गोविंद सिंह नाम कहाऊंश्…। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष शैलेंद्र गुप्ता लालू ने कहा उन्होंने सदा प्रेम, एकता व भाईचारे का संदेश दिया। उनका कहना था मनुष्य को न तो किसी से डरना चाहिए और ना ही डराना चाहिए। उनका दर्शन था कि धर्म का मार्ग ही सत्य का मार्ग है और सत्य की सदा विजय होती है। गुरुद्वारा के ग्रंथी ज्ञानी अरुण सिंह ने कहा पिता गुरु तेग बहादुर की मृत्यु के बाद 11 नवंबर 1675 को वह दसवें गुरु बने। वह महान योद्धा, कवि एवं आध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे। सन 1699 में बैसाखी के दिन उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की जो सिखों के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। उन्होंने मुगलों के साथ 14 युद्ध लड़े और धर्म के लिए पूरे परिवार का बलिदान कर दिया। इसी वजह से उन्हें सरवंशदानी भी कहा जाता है।
गुरुद्वारा में एकत्र महिलाओं ने पीवो पाहुल खंड धार होय जनम सोहेला, वाह वाह गोविंद सिंह आपे गुरु चेला… सहित कई भजन गाकर संगत को निहाल कर दिया। इस दौरान सरदार इंद्रपाल सिंह, सतिंदर सिंह, इंद्रजीत सिंह, तनवीर सिंह टिंकू, राजिंदर सिंह, जसविंदर सिंह, परमजीत सिंह, गुरमीत सिंह, जसवीर कौर, लवलीन कौर, कमलजीत कौर, सीरत कौर, निर्मल कौर, बलजीत कौर, राजिंदर कौर, सर्वजीत कौर, गुरमीत कौर व परमजीत कौर आदि मौजूद रहे।