लखनऊः 11 गांवों के ग्रामीणों में बाघ की दहशत से पीएसी होगी तैनात, वन विभाग बाघ पकड़ने में नाकाम
विधान केसरी समाचार
लखनऊ। लखनऊ जिले के रहमानखेड़ा इलाके में बाघ की दहशत को कम करने के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। बता दें कि प्रभावित 11 गांवों में एक प्लाटून पीएसी तैनात की जायेगी। वहीं पीएसी के जवान गांव-गांव जाकर लोगों को बाघ से बचने के तरीके बताएंगे। डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि दुगौली, मीठे नगर, उलरापुर, रसूलपुर, बुधड़िया, मंडौली, खालिसपुर, सहिला मउ, कटौली, हाफिज खेड़ा और कुसमौरा और हलुवापुर गांव में पीएसी के जवान तैनात किए जाएंगे। वहीं डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि दुगौली, मीठे नगर, उलरापुर, रसूलपुर, बुधड़िया, मंडौली, खालिसपुर, सहिला मउ, कटौली, हाफिज खेड़ा और कुसमौरा और हलुवापुर गांव में पीएसी के जवान तैनात किए जाएंगे। वहीं डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि वन विभाग की टीम को जोन-2 में नए पगचिह्न मिले हैं,बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पगचिह्नों वाले क्षेत्र में दो कैमरा ट्रैप और एक लाइव सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। वहीं इसके अलावा, हथिनी सुलोचना और डायना की मदद से मीठेनगर और आस-पास के क्षेत्रों में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है। बाघ को पकड़ने के लिए एक नया ओपन बेट भी लगाया गया है,शनिवार को अपर मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह ने रहमान खेड़ा पहुंचकर बाघ ऑपरेशन का जायजा लिया और टीम के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा की। इसी दौरान डीसीपी पश्चिम ने भी रहमान खेड़ा फार्म का दौरा किया और ग्रामीणों के साथ बैठक कर उन्हें बाघ से बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक किया। वहीं डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव और एसीपी काकोरी शकील अहमद शनिवार को दुगौली गांव पहुंचे, यहां प्रधान और ग्रामीणों के साथ बैठक की गईं हैं।