पीलीभीतः ठंड में हल्की बारिश ने बढ़ाई ठिठुरन, किसानों के चेहरे खिले
विधान केसरी समाचार
पीलीभीत। बृहस्पतिवार करीब सुबह पांच बजे गरज-चमक के साथ जिलेभर में हल्की रिमझिम बारिश हुई। कोहरा भी छाया रहा और शीतलहर चल रही है। घने कोहरे के बाद बृहस्पतिवार की सुबह चार बजे से बारिश शुरू हो गई, जो सुबह 11रू30बजे तक होती रही। बारिश से सड़कें भीग गई और ठंड भी बढ़ गई। इससे लोग घरों में दुबक गए। बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक बारिश से अधिकांश फसलों को बारिश से फायदा है। गुरुवार की रात से अचानक मौसम ने करवट ली और रात में फिर सुबह हल्की बारिश हो गई । जिससे ठंड में इजाफा हुआ लेकिन रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी से किसानों के चेहरे पर खुशी देखी गई। यह हल्की बारिश की फसल के लिए फायदेमंद है। हालाकि इससे सर्दी बढ़ गई। पूरे दिन धूप नहीं निकली और ठंडी हवाएं चलतीं रहीं। इसका जनजीवन पर भी असर पड़ा है। गुरुवार की रात सुबह को अचानक रिमझिम बूंदाबांदी शुरू हो गई। शहरी क्षेत्र की गलियों में कीचड़ हो गयी। इससे उन मार्गो से होकर गुजरने पर लोगों की मुश्किलें बढ़ गई। वर्षा होने से किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे। किसानों का कहना है कि इस वर्षा से रबी की फसलों को काफी लाभ पहुंचा है। खासतौर से गेहूं,चना, अरहर,जौ की फसल के लिए यह पानी अमृत के समान होना बताया गया है। बूंदाबांदी से ठंड में जरूरत बढ़ोतरी हुई है तो गेहूं, सरसो, चना, मटर आदि की फसलों को अच्छा फायदा होने के साथ किसानों को फसलों की सिचाई भी नहीं करनी पड़ेगी।रात मौसम बिगड़ जाने से ठंड वापस लौट आई है। गुरुवार की सुबह बदली छाय रहे और कहीं-कहीं तो बरसात भी होने लगी। जिससे ठंड के साथ गलन बढ़ गई है। किसानों का मानना है कि यह बरसात फसल के लिए बहुत ही फायदेमंद है। यह भी चिंता बनी हुई है कि कहीं जरूरत से ज्यादा बरसात हो गई तो आलू और सरसों की फसलों को करने वाले किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। कुल मिलाकर इस बारिश से किसानों के बीच ऊहापोह की स्थिति बनती जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में भी बूंदाबांदी से फसलों को खाद का काम करेगा। किसानों का कहना है कि थोड़ा और बरसात हो जाती तो फसलों की वृद्धि तेजी से होती और पैदावार अच्छी हो जाती है। हालांकि झमाझम बारिश ना हो इसकी दुआ तो किसान भी कर रहे हैं।