लखनऊः सामुदायिक शौचालय योजना भ्रष्टाचार और लापरवाही की चढ़ी भेंट

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विधान केसरी समाचार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी सामुदायिक शौचालय योजना विकास खंड बख्शी का तालाब क्षेत्र में प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की शिकार हो चुकी है। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश सचिव राम प्रकाश सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित पत्र के माध्यम से इस गंभीर स्थिति की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है। पत्र में बताया गया है कि विकास खंड की ग्राम पंचायत पलिया, अचरामऊ, रेवामऊ और दुर्जनपुर में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। पांच वर्षों से अधिक समय बीतने के बावजूद इन शौचालयों को न तो पूरा किया गया है और न ही चालू किया गया, जबकि इन कार्यों के लिए स्वीकृत सरकारी धनराशि का आहरण पहले ही किया जा चुका है।राम प्रकाश सिंह ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि इस लापरवाही के बारे में संबंधित खंड विकास अधिकारी को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। फरवरी 2024 में एक प्रतिष्ठित अखबार ने भी इस विषय पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें सरकारी धन के दुरुपयोग और अधिकारियों की लापरवाही को उजागर किया गया था। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। सामुदायिक शौचालयों के अधूरे होने से क्षेत्रीय ग्रामीणों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। खुले में शौच जाने की मजबूरी से न केवल स्वच्छता और सुरक्षा पर असर पड़ रहा है, बल्कि सरकार की योजनाओं की साख पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पत्र में मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही अधूरे सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा कराकर उन्हें जनता के उपयोग के लिए चालू किया जाए। यह पत्र उपमुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास, मंडलायुक्त लखनऊ, जिलाधिकारी लखनऊ सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों को भी सूचनार्थ प्रेषित किया गया है। ग्रामीणों की इस समस्या ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि प्रदेश सरकार और प्रशासन इस पर क्या कदम उठाते हैं और कब तक इस समस्या का समाधान हो पाता है।