महाकुंभ में मरने वालों के सही आंकड़े सामने लाए जाएं-अखिलेश यादव
सपा सांसद अखिलेश यादव ने आज (4 फरवरी) संसद में राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लिया. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत महाकुंभ भगदड़ से करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर कई आरोप लगाए. इन आरोपों में एक आरोप यह भी था कि इस महाकुंभ में योगी सरकार ने सनातन पंरपरा तोड़ी है.
दरअसल, महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुए दूसरे शाही स्नान के ठीक पहले मची भगदड़ के बावजूद श्रद्धालुओं का सैलाब संगम की ओर लगातार बढ़ता जा रहा था. भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सभी अखाड़ों के शाही स्नान के शेड्यूल में बदलाव कर दिया था. तड़के 4 बजे बाद से शुरू होने वाले शाही स्नान की जगह सुबह 10 बजे बाद अखाड़ों का स्नान शुरू हुआ. अखिलेश यादव ने इसी आधार पर सदन में कहा कि यूपी सरकार ने पावन मुहूर्त के स्थान पर अपने मनमाने समय पर शाही स्नान का आदेश दे दिया. इस आदेश से सनातन परंपरा टूटी.
मौनी अमावस्या के दिन शुरुआत में तो अखाड़ों ने भीड़ को देखते हुए शाही स्नान रद्द करने का ऐलान किया था, लेकिन इसके बाद सांकेतिक तौर पर स्नान करने का फैसला लिया. यानी हर अखाड़े ने कम-कम संख्या में जाते हुए अमृत स्नान किया.
सदन में अखिलेश ने कहा, ‘महाकुंभ में मरने वालों के सही आंकड़े सामने लाए जाएं. जिम्मेदार लोगों पर घोर दंडात्मक कार्रवाई हो. जिन्होंने सच छिपाया, उनको भी दंडित किया जाए. उन्होंने कहा, ‘आंकड़े मिटाए क्यों गए? इस अपराध का दंड कौन भुगतेगा? कुंभ का इतना प्रचार किया. मीडिया रिपोर्ट्स में आया कि सौ करोड़ लोगों के इंतजाम किए गए हैं. सरकार ने पावन मुहूर्त के स्थान पर अपने मनमाने समय पर शाही स्नान का आदेश दिया. ये सनातन परंपरा तोड़ी गई. लोग पुण्य कमाने आए थे और अपनों के शव लेकर गए हैं. श्रद्धालुओं के शव मिल गए थे, लेकिन सरकार मरने वालों की बात स्वीकार नहीं कर रही थी. जब ये जानकारी सामने आई कि कुछ लोगों की जान चली गई, तब सरकार हेलीकॉप्टर में भरकर फूल डालने लगी. ये कहां की सनातनी परंपरा है?’ अखिलेश ने अपने इन दावों के समर्थन में यह भी कहा कि अगर मैं गलत हूं तो अध्यक्ष महोदय आपको अपना इस्तीफा आपको देता हूं.