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सम्पादकीय

ऐतिहासिक पुरूषों में नाम शामिल कराने को कांशीराम बनना आसान नहीं

(उन्हीं के एक सिपाही का स्मरण) आज भले ही देश प्रदेश के तमाम नेता खुद को जनता का रहबर स्वाभिमान का धनी या खुद को कितना भी देश भक्त होने का दावा करता हों लेकिन मान्यवर कांशीराम…
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न सरकार न जनाधार, कैसे करोगे चुनावी तकरार

वर्तमान में सभी दल लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगे हैं। बात उत्तर प्रदेश की करें तो सपा, बसपा, कांग्रेस तीन पार्टी मुख्य रूप से भाजपा को हराकर अगली सरकार बनाने का दावा…
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बड़ी भोली और बड़बोली है कर्पूरी जी की जाति

आज कर्पूरी जी की जाति के लोग भले ही उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न मिलने पर फूले नहीं समा रहे हो या भारत रत्न देने वाली वर्तमान सरकार का गुणगान कर रहे हो लेकिन आजादी के पिचहतर साल…
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आरक्षित देशवासी कृपया ध्यान दें निजीकरण की तरफ जा रहा है अपना देश

अब ये देश भर में काम करने वालों की कामचोरी है या सरकार की सीनाजोरी यह तो जनता बता सकती है या देश की सरकार। फिलहाल देश में ऐतिहासिक महापुरुषों को भारत रत्न नियुक्तियों…
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शक्ति बिना भक्ति कैसी

देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में सादगी सज्जनता ईमानदारी की प्रतिमूर्ति और बिहार के दो दो बार मुख्यमंत्री रहे जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर…
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हमदर्द बने खुदगर्ज, नहीं चूकाते फर्ज ?

आज भले ही सपा बसपा भाजपा कांग्रेस अथवा नीतीश जी सहित सभी दल ओबीसी ओबीसी चिल्लाते रहे लेकिन एमबीसी की बात करने वाला कोई नहीं है जिस कारण अपनों के ही शिकार बनें अतिपिछड़े सभी दलों…
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बाबासाहेब हम शर्मिंदा भी नहीं है

आज संविधान निर्माता बाबा साहेब डा भीमराव आंबेडकर का महा परिनिर्वाण दिवस है जिसे बीते कई बरसों से बड़े पैमाने पर श्रद्धांजलि सभा के रूप में मनाने की शुरुआत हुई तो फिर…
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चुनाव आया तो एससी-ओबीसी हो गए राहुल व नीतीश, अखिलेश भी बने शूद्र

चुनाव आने की सुगबुगाहट हो या सरकार जाने की चर्चा राजनेता किस तरह रंग बदलते हैं इसकी बानगी देखनी है तो राहुल गांधी, अखिलेश यादव सहित नीतीश कुमार से मिलना पड़ेगा जो…
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हर साख पे दुश्मन बैठा है अंजामे गुलिस्तां क्या होगा ?

आज देश भर में कोई ऐसी जाति धर्म अथवा वर्ग नहीं जो बड़े बड़े दावे करने के बावजूद अपनी जाति की राजनीति हत्या करके मात्र अपना उल्लू साधनें में न लगा हो, जिसमें सबसे पहला नम्बर…
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15 मार्च जयंती विशेषः एक पुस्तक ने वंचितों के महानायक को दिया था जीवनभर का काम

डाक्टर अम्बेडकर के बाद देश के वंचितों को सम्मान से जीने का मार्ग दिखाने वाले महानायक कांसीराम जी का जन्म 15 मार्च 1934 को ख़्वासपुर, रोपड़, पंजाब में एक रैदासी सिख परिवार…
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